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मिसाइल हेलिना के फाइनल उन्नत वर्जन ध्रुवास्त्र का किया सफल परीक्षण

जैसलमेर 19 फरवरी (वार्ता) भारतीय वायुसेना सेना तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से आज जैसलमेर जिले के पोकरण फायरिंग रेंज क्षेत्र में दुश्मन के टैंक उड़ाने में सबसे कारगर मानी जाने वाली मिसाइल हेलिना के फाइनल उन्नत वर्जन ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण किया।
भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर ध्रुव से दागी गई देश में ही विकसित इस मिसाइल ने 7 किमी दूर अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक प्रहार कर उसे नेस्तनाबूंद कर दिया। इस परीक्षण के तहत 4 हेलिना मिसाइल लांच की गई ,जिसने सफलता पूर्वक अपने लक्ष्य पर प्रहार करते हुए टारगेट हिट किया।
सैन्य सूत्रों का कहना है कि तीसरी पीढ़ी की दागो और भूल जाओ की तकनीक पर काम करने वाले देश में ही विकसित इस मिसाइल को घ्रुवास्त्र नाम भी दिया गया है। नाग पीढ़ी की इस मिसाइल को हेलिकॉप्टर से दागे जाने के कारण इसे हेलिना नाम दिया गया।
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह मिसाइल सभी तरह के मौसम और चाहे दिन हो या रात अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल की रेंज 4 से आठ किलोमीटर है। ध्रुवास्त्र नामक हेलिना हथियार प्रणाली के एक संस्करण को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल किया जा रहा है। जबकि हेलिना हथियार प्रणाली को भारतीय सेना (आईए) में शामिल किया जा रहा है। परिक्षण के बाद इस मिसाइल को एयरफोर्स को सौंप दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार यह मिसाइल जमीनी लक्ष्यों को सटीकता से तबाह करने में सक्षम है तथा दुनिया में अत्याधुनिक ऐंटी टैंक हथियारों में से एक नाग मिसाइल का हेलिकॉप्टर लॉन्च वर्जन है हेलिना 7 से 8 किलोमीटर तक है इस मिसाइल की रेंज है एचएएल ध्रुव और एचएएल लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर से इसे लॉन्च किया जाता है।
भाटिया रामसिंह
वार्ता
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