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राजस्थान में साल-दर-साल बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले

जयपुर, 22 फरवरी (वार्ता) राजस्थान में साल दर साल आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं, वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019 में आत्महत्याओं के मामलों में 4.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ‘एक्सीडेंटल डेथस एंड सुसाइडस इन इंडिया’द्वारा पिछले पांच वर्षों के आंकड़े जुटाकर जारी की गयी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में जहाँ वर्ष 2018 में 4333 लोगों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया वहीं वर्ष 2019 में यह संख्या बढ़कर 4531 हो गयी।
राज्य में मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था एसआरकेपीएस के जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ भूपेश दीक्षित ने आज बताया कि राजस्थान सरकार की ‘क्राइम इन राजस्थान’ रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि राज्य में साल-दर-साल ख़ुदकुशी के मामले बढ़ रहे हैं। राज्य में वर्ष 2015 के मुकाबले वर्ष 2019 में ख़ुदकुशी के मामलों में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने में आई है।
उन्होंने ने बताया कि राज्य में बीते कुछ वर्षों में सामूहिक और पारिवारिक आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं। सामूहिक/पारिवारिक आत्महत्याओं के सात मामलों में कुल 22 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। दीक्षित ने बताया कि पारिवारिक समस्याएं, झगड़े, लम्बी बीमारियों से होने वाली शारीरिक, मानसिक परेशानियां, अवसाद, कर्जा, दिवालियापन, वैवाहिक जीवन में कलह और बेरोजगारी आत्महत्या के प्रमुख कारण बन कर उभरकर सामने आये हैं।
उन्होंने बताया कि नि:संदेह ये आंकड़ें एवं हालात सरकार और समाज दोनों को चेताने वाले हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में आत्महत्या एक जनस्वास्थ्य, सामाजिक एवं आर्थिक समस्या बनकर उभर चुकी है। राज्य सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। आत्महत्याओं पर रोक लगाने लगाने के लिये ‘राजस्थान राज्य आत्महत्या रोकथाम नीति’ की कार्ययोजना बनाकर शीघ्र लागू करने की आवश्यकता है ।
सुनील
वार्ता
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