Thursday, Mar 28 2024 | Time 22:36 Hrs(IST)
image
राज्य » राजस्थान


बहुप्रतीक्षित सालगांव बांध के निर्माण को मिली प्रशासनिक स्वीकृति

माउंट आबू, 04 मार्च (वार्ता) राजस्थान में पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू की अहम पेयजल समस्या का एकमात्र समाधान महत्वाकांक्षी सालगांव बांध पेयजल परियोजना को स्वीकृति मिल गयी है।
सूत्रों ने आज बताया कि प्रमुख समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका की ओर से गत करीब बीस वर्षों से चलाया जा रहा अभियान रंग लाया। जिसके चलते हाल ही में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री बी.डी. कल्ला की अध्यक्षता में संपन्न हुई पीपीसी की बैठक में प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई। जिससे वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति के बाद बांध के डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि अवाप्ति के उपरांत बांध निर्माण के लिए निविदाएं जारी होंगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीपीसी की बैठक में निर्धारित चर्चा बिंदू संख्या 58 के तहत 250.54 करोड़ रुपये लागत की सालगांव बांध परियोजना को सर्व सम्मति से प्रशासनिक स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया। बैठक में पीएचईडी अतिरिक्त सचिव सुधांश पंत, पीपीसी सदस्य डी.सी. जैन, वित्त सचिव एच. के. जुनेजा, तकनीकी सदस्य संदीप शर्मा, सदस्य ललित वर्मा, सी.एम चौहान, आर. के. मीणा, आर.सी. मिश्रा, नीरज माथुर, आसिम मार्कंडेय, एच. सी. वर्मा समेत विभिन्न विभागों के करीब दो दर्जन उच्चाधिकारी मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि परियोजना डूब में कुल 52.55 हैक्टेयर भूमि आती है जिसमें से 35.85 हैक्टेयर काश्तकारों, 10.74 हैक्टेयर राजस्व विभाग, 5.96 हैक्टेयर वनविभाग की होने से वनविभाग को उसकी भूमि की एवज में तत्कालीन जिला कलक्टर की ओर से उतरज गांव के खसरा नंबर 768-806 और 807 में से कुल 5.96 हैक्टेयर राजस्व विभाग की भूमि वनविभाग को हस्तांरित की गई थी। जिस पर नेशनल बोर्ड ऑफ वाईल्ड लाईफ ने बांध निर्माण को हरी झंडी दी।
नियमानुसार वनविभाग की ओर से बांध के लिए वनभूमि की अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया। शेष काश्तकारों की 35.85 हैक्टेयर भूमि की अवाप्ति कार्रवाई जारी थी, लेकिन संबधित विभागों ने बांध के वास्तविक डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि के अतिरिक्त बांध के भराव क्षेत्र में की 777 हैक्टेयर भूमि को अवाप्त करने की गलत अनुशंसा कर दी। जिससे योजना खटाई में पड़ गई।
वर्ष 1977 में शुरु हुई बांध परियोजना 1979 में तकनीकी टिप्पणी के चलते निरस्त निरस्त कर दी गयी। 1980 में यह फिर से शुरु हुई, लेकिन उसके बाद यह 16 वर्ष ठंडे बस्ते में पड़ी रही। बाद में 1996 में इस परियोजना को पुनर्जीवित किया गया, लेकिन कई वर्षों की मशक्कत के बाद वर्ष 2017 में इसे सैद्धांतिक स्वीकृति मिली। अगले ही वर्ष 2018 में करीब ढाई सौ करोड़ की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) संबंधित विभाग की ओर से सचिव मंडल को भेजी गयी। अब जाकर इसे प्रशासनिक स्वीकृति मिली है।
पीएचईडी, परियोजना खंड, सिरोही के कार्यपालन अभियंता विमल प्रकाश सिसोदिया ने स्वीकृति मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि सालगांव बांध परियोजना की पीपीसी से प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है, वित्तीय स्वीकृति के बाद डब्लयू.आर.डी बांध निर्माण की प्रक्रिया शुरु की जायेगी।
जल संसाधन विभाग सिरोही के कार्यपालन अभियंता प्रकाश चंद्र ने बताया कि पीपीसी ने प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी है, हालांकि अब तक बैठक की कार्रवाई की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि अवाप्ति, भूमि हस्तातंरण के बाद निविदा प्रक्रियाएं आरंभ की जाएंगी।
अवतार सुनील
वार्ता
More News
करीब एक महीने में 314 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध शराब, नकदी एवं अन्य सामग्री जब्त

करीब एक महीने में 314 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध शराब, नकदी एवं अन्य सामग्री जब्त

28 Mar 2024 | 8:58 PM

जयपुर, 25 मार्च (वार्ता ) राजस्थान में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों ने गत एक मार्च से अब तक लगभग 314 करोड़ रुपये मूल्य की नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं और अवैध नकद राशि सहित अन्य अवैध सामग्री जब्त की गई है।

see more..
image