राज्य » राजस्थानPosted at: Apr 16 2021 7:29PM जुम्मे की नमाज के बाद एक जलसा का आयोजन किया गयाअजमेर 16 अप्रेल (वार्ता) राजस्थान के अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ के बाहर निजाम गेट पर आज जुम्मे की नमाज के बाद एक जलसा (प्रोटेस्ट) का आयोजन किया गया जिसमें धार्मिक भावनाओं को आहत करने वालों को चुनौती दी गई। अंजुमन सैयद जादगान के पूर्व अध्यक्ष सैयद गुलाम किबरिया तथा पूर्व सचिव सैयद सरवर चिश्ती की अगुवाई में उत्तरप्रदेश के संत नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा पिछले दिनों जो अमर्यादित, अभद्र टिप्पणी एवं बयान दिया उसकी जमकर आलोचना की गई। अपने संबोधन में श्री किबरिया ने कहा कि हम किसी मजहब को बुरा भला नहीं कहते, किसी की शान में गुस्ताखी नहीं करते, हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं और सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है लेकिन आए दिन इस्लाम और मुसलमान के खिलाफ जो जमकर जहर उगला जा रहा है उसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वालों की हम गिरफ्तारी की मांग करते हैं। पूर्व सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने भी टिप्पणी करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुसलमान कौम इसको बर्दाश्त नहीं करेगी। आशिके रसूलो ने इस मौके पर जमकर नारेबाजी की। उनके हाथों में विरोध से लबरेज तख्तियां और काले झंडे भी थे। कोरोना महामारी के चलते धारा 144 लगने के बावजूद जलसे का आयोजन किया गया जिसमें पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही। इस बीच दरगाह के पास पन्नीग्राम चैक के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में असामाजिक तत्वों ने संत के विवादित पोस्टर चस्पा कर दिए जिसका जानकारी में आने के बाद स्थानीय हिंदुवादी संगठनों ने जमकर विरोध किया। पुलिस ने भी तत्परता पूर्वक कार्यवाही करते हुए पोस्टरों को हटा दिया। विश्व हिंदू परिषद के शशिप्रकाश इंदौरा ने पुलिस से पोस्टर चिपकाने वाले तथा माहौल को खराब करने वाले लोगों पर कार्यवाही की मांग की है और कहा है कि पुलिस सीसीटीवी कैमरे के आधार पर ऐसा कृत्य करने वालों को सामने लाए और सजा दे। अनुराग रामसिंहवार्ता