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असंतुष्ट विधायकों के संभावित विद्रोह को शांत करने का प्रयास-राठौड़

जयपुर 05 जून (वार्ता) राजस्थान में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने सरकारी मुख्य सचेतक डॉ महेश जोशी द्वारा राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)
में परिवाद दर्ज कराने को अपने असंतुष्ट विधायकों के संभावित विद्रोह को शांत कर अपनी तरफ करने का कुत्सित प्रयास करार दिया है।
श्री राठौड़ ने परिवाद दर्ज होने के बाद आज कहा कि एसीबी का बेजा इस्तेमाल करने के उद्देश्य से राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर परिवाद दर्ज कराना अपने असंतुष्ट विधायकों के संभावित विद्रोह को शांत करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर अगर सरकारी मुख्य सचेतक के पास ठोस प्रमाण व तथ्य है तो उन्हें नामजद एफआईआर दर्ज करवानी चाहिये एवं इस आधार पर एसीबी को प्रमाणिक तौर पर जांच करनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद अब तक सरकार लगभग 50 दिन सात सितारा होटल में रही है इसका खर्चा कौन दे रहा है, इसकी जांच एसीबी को करनी चाहिये। वहीं पिछले पांच दिन से लगातार चार्टर्ड प्लेन दो-तीन बार जयपुर से उदयपुर के बीच दौड़ रहे हैं, यह राशि कहां से आई, इसकी जांच एसीबी को करनी चाहिये।
राजस्थान में जब पिछली बार सरकार पर जब खतरा मंडरा रहा था उस समय भी सरकारी मुख्य सचेतक ने फोन टैपिंग प्रकरण में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट सहित डेढ़ दर्जन विधायकों के खिलाफ वर्ष 2020 में एफआईआर दर्ज करवाई थी। तत्पश्चात् बिना किसी जांच के इन मुकदमों को वापिस लेकर यह सिद्ध कर दिया कि सरकार की नीति एसीबी का भय दिखाकर अपने राजनीतिक विरोधियों को परास्त करने की है।
उन्होंने कहा कि सरकार को पहले यह स्पष्ट करना चाहिये कि पहली वाली एफआईआर पर बिना जांच किये उसे नेस्तानबूद क्यों किया गया।
जोरा
वार्ता
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