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राष्ट्रीय कृमि नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन से कृमि संक्रमण के प्रसार में आई कमी

जयपुर, 18 मई (वार्ता) राजस्थान में राष्ट्रीय कृमि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन कर आंगनबाडी से लेकर विद्यालयों में 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल दवाओं की खुराक दिलवायी गयी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं डवलपमेंट पार्टनर एविडेंस एक्शन के संयुक्त तत्वावधान में आज यहां कृमि संक्रमण.एसटीएच प्रसार के सर्वेक्षण विषय पर राजस्तरीय कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला मे विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि अभियान का सघन निरीक्षण एवं दवाओं की उपलब्धता का प्रबंधन सफलता का स्रोत है। उऩ्होंने प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचने के लिये स्थानीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये निदेशक आरसीएच डॉ. आर.पी. डोरिया ने बताया कि कार्यशाला में राजस्थान राज्य में एसटीएच (परजीवी कृमि) के प्रसार से संबन्धित सर्वेक्षण रिपोर्ट, कृमि नियंत्रण की दिशा में किए गए प्रयासों एवं भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गयी।
राज्य में वर्ष 2013 में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार स्कूल जाने की उम्र के बच्चों मे कृमि संक्रमण का दर 2 प्रतिशतः पाया गया था। वर्ष 2015 से राज्य सरकार द्वारा लगातार एविडेंस एक्शन के सहयोग से कृमि मुक्ति हेतु प्रदेश में सलाना राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान में 1.18 करोड़ बच्चों तथा अक्टूबर 2022 में 2.57 करोड़ बच्चों एवं किशोर.किशोरियों को कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाजोल खिलाकर कृमि मुक्त किया गया।
परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ. प्रदीप चौधरी ने बताया कि वर्ष 2019 में राजस्थान में की गयी बेसलाइन सर्वेक्षण के परिणाम के अनुसार स्कूल नहीं जाने वाले व स्कूली आयु वर्ग के बच्चों में एसटीएच संक्रमण के वेटेड व्यापकता का दर घटकर मात्र 0.7 प्रतिशत पाया गया।
रामसिंह
वार्ता
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