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राष्ट्र निर्माण में श्रम शक्ति की एकजुटता का आव्हान

कोटा, 27 मई (वार्ता) राजस्थान के कोटा में शांति एवं अहिंसा विभाग के तत्वावधान में शुरू हुए दो दिवसीय राष्ट्र स्तरीय श्रमिक विकास शिविर में शनिवार को अनूठा दृश्य बन पड़ा जब देश के विभिन्न प्रांतों के गांधीवादी चिंतक विचारक एक छत के नीचे आ जुटे।
स्वर्गीय पं. जवाहरलाल नेहरू की स्मृति में आयोजित इस शिविर में श्रम कल्याण विषयक चिंतन, चर्चा और सार्थक व्याख्यान हुए जिनमें श्रम शक्ति का यशोगान और गांधी के दर्शन को आत्मसात् कर जनकल्याण के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया गया।
शहर के अग्रवाल रिसोर्ट में आरंभ हुए इस महाकुंभ को सम्बोधित करते हुए श्रम कल्याण सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष इंटक जगदीश श्रीमाली ने कहा कि राजस्थान सरकार गांधी की विचारधारा के साथ अंतिम छोर के व्यक्ति को राहत देने के लिए कृत संकल्पित है। इसी विचारधारा से देश में समृद्धि संभव है। श्री श्रीमाली ने आव्हान किया कि इस विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए बढ़-चढ़ कर योगदान दें। उन्होंने कहा कि आज श्रम का मूल्य घट रहा है।
कोटा जिले में पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा ने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करना पहली आवश्यकता है। साथ ही जातिपाति जैसी बुराइयों पर वार करते हुए गांधी जी के सत्य, अहिंसा के सिद्धांतों को प्रसारित करना आवश्यक है। लेकिन इसके लिए खुद को मजबूत बनाना जरूरी है।
खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक पंकज मेहता ने शिविर का परिचय एवं राजस्थान सरकार ने शांति एवं अहिंसा निदेशालय की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अन्तिम पंक्ति तक राहत पहुंचाना सरकार का मूल मंत्र है। महंगाई राहत शिविरों के माध्यम से भी यह उद्देश्य पूरा कर आमजन को कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।
शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष कुमार शर्मा ने राष्ट्र स्तर श्रमिक विकास शिविर का विवर्तन करते हुए प्रदेश में गांधी दर्शन के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए हुए नवाचार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शांति एवं अहिंसा निदेशालय देशभर में गांधी दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने का अनूठा कदम है।
हाडा रामसिंह
वार्ता
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