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2025-26 तक सतही जल आधारित होगी 90 प्रतिशत पेयजल आपूर्ति

जयपुर, 31 मई (वार्ता) राजस्थान में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि 2025-26 में प्रदेश के एक करोड़ सात लाख घरों में नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध होने लगेगा।
डॉ. अग्रवाल आज यहां जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के रसायनज्ञों की राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी 75 प्रतिशत योजनाओं में सतही स्त्रोतों की उपलब्धता है। जल जीवन मिशन के तहत समस्त परियोजनाएं पूरी होने पर 2025 के अंत तक राजस्थान में 90 फीसदी पेयजल सतही स्त्रोतों से उपलब्ध होने लगेगा और भूजल पर निर्भरता 10 फीसदी रह जाएगी।
डॉ. अग्रवाल ने ..स्टेटस रिपोर्ट ऑन ड्रिंकिंग वाटर क्वालिटी इन अरबन टाउन्स ऑफ राजस्थान 2022-23 .. भी रिलीज की। उन्होंने कहा कि सतही जल आधारित 23 हजार करोड़ रूपए की पांच बड़ी पेयजल परियोजनाओं को मंगलवार को आयोजित एसएलएसएससी की बैठक में मंजूरी मिली है। जल जीवन मिशन के तहत मंजूर इन वृहद परियोजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सा राशि 60 प्रतिशत जबकि केन्द्र की 40 प्रतिशत होगी। इन परियोजनाओं के पूरी होने के बाद प्रदेश के 11 जिलों के 5739 गांव भूजल से सतही जल आधारित योजनाओं पर आ जाएंगे।
डा अग्रवाल ने कहा कि जल जीवन मिशन में केन्द्र एवं राज्य सरकारों का उद्देश्य हर घर तक पीने योग्य पानी पहुंचाना है। मिशन के तहत हर घर तक जल पहुंचाने के लिए मौजूदा 130 करोड़ लीटर जल की जरूरत बढ़कर इसकी तीन गुना हो जाएगी। 2025-26 तक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने के साथ ही उपयोग में लिए गए पानी के लिए सही ड्रेनेज सिस्टम तैयार करना भी चुनौती होगी।
रामसिंह
वार्ता
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