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कृषि के क्षेत्र में नित नए शिखर छू रहा है राजस्थान

जयपुर, 20 सितंबर (वार्ता) राजस्थान किसानों की अथक मेहनत और राज्य सरकार की कृषि कल्याण योजनाओं की बदौलत कृषि के क्षेत्र में नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और किसानों की समृद्धि और सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों से कृषि का कैनवास हरा-भरा नजर आने लगा है।
राजस्थान को कृषि योजना संचालन में बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया है। प्रदेश मोटे अनाज के उत्पादन, ड्रिप, स्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर संयंत्रों की स्थापना, किसानों को बीमा क्लेम वितरण, ऑनलाइन फसल कटाई प्रयोग औऱ सौर ऊर्जा पम्पों की स्थापना में देश में प्रथम स्थान पर है।
कृषि एवं उद्यानिकी शासन सचिव डॉ. पृथ्वी के अनुसार राज्य सरकार ने किसानों की समृद्धि और सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास किये हैं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश की कृषि का कैनवास ज्यादा हरा-भरा नजर आने लगा है। राज्य में किसानों के लिए खेती अब घाटे का सौदा नहीं होकर दोगुनी आय का जरिया बन गयी है। प्रदेश के खेत-खलिहान खुशहाली और समृद्धि की कहानी कह रहे हैं। किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नहीं रहना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डॉ. पृथ्वी ने बताया कि सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत गत साढ़े चार वर्षों में 62 हजार 690 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 1167 करोड़ 52 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। वर्ष 2018-19 (दिसम्बर 2018 से) में 3 हजार 462 किसानों को 70 करोड़ 30 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।
इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 10 हजार 4 किसानों को 57 करोड़ 81 लाख रुपये का, वर्ष 2020-21 में 13 हजार 880 किसानों को 133 करोड़ 39 लाख रुपये का, वर्ष 2021-22 में 10 हजार किसानों को 320 करोड़ 41 लाख रुपये का और वर्ष 2022-23 में अब तक 25 हजार 277 किसानों को 518 करोड़ 61 लाख रुपये का और वर्ष 2023-24 (31 मई 2023 तक) में 67 किसानों को 67 करोड़ रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है।
उन्होंने बताया कि गत साढ़े चार वर्षों में तीन लाख 79 हजार 472 किसानों को सिंचाई संयंत्र स्थापित करने के लिए एक हजार 71 करोड़ 49 लाख रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। इन संयंत्रों के माध्यम से किसान प्रदेश में 5 लाख 33 हजार 668 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा स्प्रिंकलर संयंत्र पर 252 करोड़ 89 लाख रुपये तथा ड्रिप संयंत्र पर 818 करोड़ 60 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।
फसल कटाई के प्रयोग ऑनलाइन करने में राज्य देश में पहले नम्बर पर है। प्रदेश में गत साढ़े चार वर्षो में फसल उत्पादन अनुमान के लिए पांच लाख 43 हजार 80 फसल कटाई के प्रयोग ऑनलाइन करवाये गए हैं। इसमें फसल उपज आकलन के लिए खरीफ 2022 में 91.68 प्रतिशत फसल कटाई के प्रयोग ऑनलाइन संपादित किए गए हैं, जो देश भर में सबसे अधिक है। इसके माध्यम से राष्ट्रीय कृषि बीमा पोर्टल पर राज्य के 46 हजार 459 गाँवो के भू- अभिलेख के साथ एकीकरण भी किया गया है।
जोरा
जारी वार्ता
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