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राजस्थान में अब पर्यटन नहीं रहा सीजन पर आधारित-राठौड़

जयपुर, 22 सितम्बर (वार्ता) राजस्थान में बारह महीने पर्यटकों की आवक रहने से अब पर्यटन सीजन पर आधारित नहीं रहा।
मौसम के मद्देनजर राजस्थान में पर्यटकों की आवक सर्दी के मौसम में ज्यादा रहती थी लेकिन गर्मी के मौसम में भी पर्यटकों की आवक बढ़ी और अब ग्रीष्मकालीन पर्यटन में भी राजस्थान की अलग पहचान बनने लगी हैं।
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक दलीप सिंह राठौड़ के अनुसार राजस्थान में बारह महीने पर्यटकों की आवक रहने लगी है और महामारी कोरोना काल के बाद पर्यटकों में यह ट्रेंड देखने के मिल रहा है। श्री राठौड़ ने बताया कि राज्य में पतझड़ का मौसम भी पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है क्योंकि सितम्बर-अक्टूबर एवं दीपालवी पर्व से पहले तक का जो समय है, इस दौरान शादियों का सीजन भी नहीं होने से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए होटल्स की ओर से बजट पैकेज भी दिए जाते हैं। इस कारण भी पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। पतझड़ का मौसम घरेलू पर्यटकों के लिए काफी सहूलियत भरा होता है खासकर दक्षिणी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए, क्योंकि इस समय राजस्थान का मौसम न तो ज्यादा सर्द रहता है न गर्म। अक्टूबर के बाद से मार्च तक राजस्थान में टूरिज्म पीक पर रहता है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में आयकोनिक स्मारक, हैरिटेज क्षेत्र, विशेष हैरिटेज गांव, शिल्पग्राम, अनुभावात्मक पर्यटन, मरूस्थलीय पर्यटन, वाइलल्डलाइफ एवं ईकोटूरिज्म, ट्राइबल टूरिज्म, कल्चरल टूरिज्म, क्राफ्ट व कूजिन पर्यटन, वीकएण्ड गेटवे टूरिज्म, धार्मिक टूरिज्म, वैडिंग टूरिज्म, वैलनैस टूरिज्म, (मेडीकल टूरिज्म), ग्रामीण टूरिज्म एवं फिल्म टूरिज्म आदि हैं जो राजस्थान को एमआईसीई टूरिज्म के लिए पहली पसंद बनाते हैं ।
पर्यटन विशेषज्ञों के अनुसार पतझड़ के मौसम में प्रदेश का माउन्ट आबू, उदयपुर, कुम्भलगढ़, जैसलमेर, सवाईमाधोपुर का रणखम्भौर नेशनल पार्क और बूंदी पर्यटकों की पहली पसंद हैं।
आबू राजस्थान के पर्वतीय पर्यटन स्थल में शुमार है। यहां पर साल भर पर्यटकों की आवक रहती है। माउंट आबू की सुंदरता सैलानियों का दिल जीत लेती है। माउंट आबू को खड़ी चट्टानों, शांत झीलों, सुरम्य वातावरण और बेहतरीन मौसम के लिए जाना जाता है।
झीलों की नगरी के नाम से विख्यात उदयपुर में शहर के बीचों बीच कई झीले स्थित हैं। गुजरात राज्य के नजदीक होने के कारण यहां गुजरात और महाराष्ट्र से स्वदेशी सैलानी खासी संख्या में यहां पर्यटन के लिए आते हैं वहीं उदयपुर में विदेशी सैलानी भी आते हैं , जयपुर के बाद उदयपुर में सबसे ज्यादा विदेशी सैलानी आते हैं।
श्री राठौड़ ने बताया कि सवाईमाधोपुर जिले में रणथम्भौर बाघ अभ्यारण्य भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है वहीं इस दौरान जैसलमेर के रेत के धोरों में कैमल सफारी का अलग ही अनुभव है जहां एक्सपीरियेंशल टूरिज्म के साथ ही हैरिटेज और आध्यात्मिक टूरिजम का अनुभव मिलता है।
जोरा
वार्ता
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