राज्य » राजस्थानPosted at: Aug 7 2024 11:27PM अगले वर्ष से सरिस्का में सभी निजी वाहनों पर रोक लगेगीअलवर, 07 अगस्त (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान में अलवर जिले के सरिस्का बाघ संरक्षित क्षेत्र के लिये दिशा निर्देश देते हुए कई प्रतिबंध लगाए हैं। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि 31 मार्च 2025 के बाद से निजी वाहनों पर पू्र्ण रोक लगाई गई है और पांडुपोल हनुमान मंदिर के लिए केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की सिफारिशों की समीक्षा की गयी जिसमें इलेक्ट्रिक शटल बसें, मध्यवर्ती क्षेत्र के लिए कड़े नियम और निवास प्रबंधन में सुधार के लिया कहा गया है। उन्होंने बताया कि सरिस्का क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से बने निर्माण कार्यों को रोकने के निर्देश देते हुए उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। बाघाें के लिए प्राकृतिक निवास पुनर्जीवित किया जाना चाहिए जिससे वन्यजीवों को किसी भी तरीके की परेशानी न हो। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद राजस्थान राज्य सरकार ने इन उपायों के लिए समय सीमा और बुनियादी ढांचे के समायोजन के साथ सहमति व्यक्त की है। महाधिवक्ता शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने निर्देश दिये हैं कि 31 मार्च 2025 तक पांडुपोल हनुमान मंदिर के सभी मौजूदा गेटों से निजी वाहनों को रोक दिया जाए और इलेक्ट्रिक शटल बसें लागू की जाएं, जबकि अन्य परिवहन विकल्पों का अध्ययन किया जाए। आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित 21 इलेक्ट्रिक बसों के प्रस्ताव को शीघ्रता से लागू किया जाना चाहिए, जिसमें सरिस्का और टहला गेट से विशेष आवंटन हो। मंदिर में भोजन की तैयारी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, केवल बाहर से लाया गया भोग या प्रसाद की अनुमति होनी चाहिए, और मंदिर ट्रस्ट द्वारा उचित कचरा प्रबंधन लागू किया जाना चाहिए। सीईसी ने सिफारिश की है कि मध्य क्षेत्र में सभी होटल और रिसॉर्ट्स को अधिनियम के अनुसार राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से अनुमति प्राप्त होनी चाहिए। इन दोनों की बिना अनुमति के होटल नहीं चलेंगी। इसके साथ ही राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम को 31 मार्च 2025 के बाद वार्षिक मेले के दिनों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने के निर्देश दिए हैं। ईवी शटल बसों की पार्किंग सुविधा मंदिर के करीब होनी चाहिए साथ ही और सिलिबेरी द्वार को चार पहिया, दो पहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए बंद रखा जाना चाहिए। जिससे सरिस्का अभयारण्य में वन्य प्राणी स्वछंद विचरण कर सके।सं सुनील, संतोष वार्ता