राज्य » राजस्थानPosted at: Aug 28 2024 7:59PM राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षाजयपुर, 28 अगस्त (वार्ता ) राजस्थान में मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने अधिकारियों से कहा है कि विधानसभा की छह रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अग्रिम तैयारियां समय से पहले सुनिश्चित की जानी चाहिए। श्री महाजन आगामी चुनावों के मद्देनजर स्थानीय स्तर तक तैयारियों के लिए बुधवार को निर्वाचन विभाग के मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों सहित उपचुनाव वाले सभी छह जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। श्री महाजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में विशेष रूप से मतदान केंद्रों के आवश्यकता के अनुसार गठन, नव-मतदाताओं को मतदाता सूचियों में पंजीकरण और फिर मतदान के लिए प्रेरित करने, बुजुर्ग मतदाताओं और दिव्यांगों के लिए होम वोटिंग की सुविधा को अधिक व्यापक बनाने पर फोकस करने के सुझाव दिए। श्री महाजन ने कहा कि संबंधित जिला और विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी चुनाव से संबंधित सभी जरूरतों को समय पूर्व आकलन कर लें ताकि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी होने पर चुनाव प्रक्रिया का बेहतरीन प्रबंधन और सहज संचालन हो सके। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण कार्य में स्थानीय स्तर पर बीएलओ सहित अन्य संबंधित अधिकारी सावधानी बरतें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति मतदाता सूची से बाहर न रहे। इस दौरान सूचियों से नाम हटाने की प्रक्रिया को अतिरिक्त सावधानी से सम्पन्न करें ताकि किसी भी मतदाता या उसके परिवार का नाम गलत तरीके या कारण से सूची से न कट जाए। उन्होंने कहा कि मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया का फोकस नव मतदाता पर होना चाहिए। इसके लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों सहित उच्च शिक्षण संस्थाओं में वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) को प्रचारित करें। साथ ही, युवा मतदाताओं के बीच इस तथ्य का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करें कि मतदान करने के लिए मतदाता सूची में नाम होना आवश्यक है, मतदाता पहचान-पत्र (एपिक) नहीं होने अथवा सूची में नया नाम जुडने पर पहचान-पत्र जारी नहीं होने की स्थिति में भी 12 वैकल्पिक पहचान दस्तावेजों में से किसी एक की सहायता से मतदान किया जा सकता है। बैठक में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उपलब्ध कराई जाने वाली होम वोटिंग की सुविधा को अधिक व्यापक बनाने पर जोर दिया। मतदान में सभी की भागीदारी बढ़ाने के क्रम में यह जरूरी है कि घर-घर सर्वे के दौरान भी होम वोटिंग के संदर्भ में प्रचार-प्रसार किया जाए। जिला और विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी इस तथ्य पर ध्यान दें कि ऐसे बुजुर्ग अथवा दिव्यांग मतदाता हो सकते हैं, जिन्होंने पिछले विधानसभा या लोकसभा चुनाव के दौरान होम वोटिंग के विकल्प को नहीं चुना हो, लेकिन इस बार वे इस सुविधा का उपयोग करना चाहें। ऐसे मतदाताओं को होम वोटिंग के लिए विकल्प अवश्य दिया जाना चाहिए। उन्होंने निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संबंधित छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्रों के आवश्यकता के अनुरूप गठन के प्रस्ताव समय से पूर्व तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्धारित संख्या से अधिक मतदाताओं वाले बूथों की पहचान कर सहायक मतदान केंद्रों के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाए। जरूरत होने पर नए मतदान केंद्र के लिए आयोग के निर्देशों के अनुरूप भवन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर उनके लिए विशेष संसाधनों और अन्य जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित की जाए। जोरा वार्ता