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उदयपुर में युवा नाट्य समारोह का समापन

उदयपुर 08 सितंबर (वार्ता) राजस्थान के उदयपुर में जवाहर कला केन्द्र, जयपुर (जेकेके) और पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में शिल्पग्राम में आयोजित युवा नाट्य समारोह का रविवार को समापन हुआ।
जेकेके के आउटरीच प्रोग्राम के तहत हुए समारोह ने युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता और रंगमंच में प्रयोग से तैयार नाटकों से रूबरू करवाया। अंतिम दिन वरिष्ठ साहित्यकार मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानी से प्रेरित नाटक ‘कठपुतलियां’ का मंचन हुआ। भीलवाड़ा के अनुराग सिंह राठौड़ ने नाट्य रूपांतरण व निर्देशन किया और उनके साथी कलाकारों ने मंच पर अपना अभिनय कौशल दिखाया।
नाटक मनुष्य के अंतर्मन की परतों को खोलते हुए दर्शाता है कि कामनाओं के पाश में बंधा इंसान दृष्टिहीन होकर उनकी पूर्ति की ओर बढ़ता है तो कठपुतलियों की तरह ही हो जाता है। मन उसे इधर.उधर दौड़ाता रहता है। वहीं संयम के साथ जब वह विचार करता है तो प्रेम और मोह के अंतर को समझ पाता है। नाटक की नायिका अपने ही कथित प्रेम के लावण्य में जिस तरह उलझी रहती है और अंततः वो चेतन होकर यह समझ पाती है की स्त्री केवल मोहपाश में बंधी हुई कोई भौतिक वस्तु ना होकर के एक सृजनकर्ता, ममत्व से भरी हुई, प्रकृति, मां है। नाटक लोक कलाकारों की कमजोर सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी सामने लाकर रखता है।
कहानी का नायक है प्रसिद्ध कठपुतली कलाकार रामकिशन जिसका जीवन दुर्भाग्य की भेंट चढ गया है। दुधमुंहे बच्चे को छोड़कर उसकी पत्नी दुनिया को अलविदा कह चुकी है। रामकिशन पर बच्चे और घर दोनों की जिम्मेदारी आ जाती है।
रामसिंह.संजय
वार्ता
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