राज्य » राजस्थानPosted at: Nov 30 2024 9:39PM मंत्रिमंडल निर्णय दो जयपुरश्री पटेल ने बताया कि राजस्थान एमएसएमई नीति-2024 राज्य के एमएसएमई उद्यमों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इसमें ऋण पर अतिरिक्त दो प्रतिशत ब्याज अनुदान, एसएमई एक्सचेंज से धन जुटाने पर 15 लाख रुपए तक सहायता, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी व सॉफ्टवेयर पर 50 प्रतिशत या पांच लाख रुपए तक अनुदान, क्वालिटी सर्टिफिकेशन व आईपीआर पर 3 लाख रुपए तक पुनर्भरण सहायता, विपणन हेतु आयोजनों में 1.5 लाख रुपए तक अनुदान, डिजिटल उपकरणों पर 50 हजार रुपए तक पुनर्भरण और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फीस पर 75 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपए तक पुनर्भरण का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की मंशा अगले 5 वर्षों में प्रदेश के निर्यात में 1.50 लाख करोड़ रुपए तक वृद्धि लाने की है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आज अनुमोदित की गई राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति-2024 में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री निर्यात वृद्धि अभियान चला कर नये उद्यमियों को निर्यातक बनने हेतु प्रोत्साहित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नीति में निर्यातकों को दस्तावेजीकरण पर 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपए तक सहायता, अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी पर 75 प्रतिशत या 3 लाख तक अनुदान, सर्टिफिकेशन पर 75 प्रतिशत पुनर्भरण (20 हजार रुपए प्रति शिपमेंट व 3 लाख तक प्रति वर्ष), तकनीकी अपग्रेडेशन पर 75 प्रतिशत या 50 लाख तक सहायता, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फीस पर 75 प्रतिशत या 2 लाख तक पुनर्भरण किया जाएगा। श्री पटेल ने बताया कि जिलों के विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एक जिला एक उत्पाद नीति-2024 को स्वीकृति प्रदान की गई है। ओडीओपी नीति के अमल में आने से जिलों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और निर्माताओं की आय भी बढ़ेगी। इस नीति में नवीन सूक्ष्म उद्यमों को 25 प्रतिशत या अधिकतम 15 लाख रुपए एवं लघु उद्यमों को 15 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपए तक मार्जिन मनी अनुदान सहायता दी जायेगी। ओडीओपी नीति में सूक्ष्म व लघु उद्यमों को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी व सॉफ्टवेयर पर 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपए तक अनुदान, क्वालिटी सर्टिफिकेशन व आईपीआर पर 75 प्रतिशत या 3 लाख रुपए तक पुनर्भरण, विपणन आयोजनों में भाग लेने के लिए 2 लाख रुपए तक सहायता, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फीस पर 75 प्रतिशत या 1 लाख रुपए प्रतिवर्ष का 2 साल तक पुनर्भरण और कैटलॉगिंग व ई-कॉमर्स वेबसाइट विकास के लिए 60 प्रतिशत या 75 हजार रुपए तक एकमुश्त सहायता दी जाएगी। श्री पटेल ने बताया कि राज्य में हस्तशिल्प, हथकरघा तथा एमएसएमई क्षेत्र में कार्यशील उद्यमों की उत्पादकता, गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता बढ़ा कर उन्हें वैश्विक बाजार के अनुरूप विकसित करने के लिए एकीकृत क्लस्टर विकास योजना लाई जा रही है। इस योजना में राज्य के हस्तशिल्प, हथकरघा एवं सूक्ष्म और लघु उद्यमों के मौजूदा क्लस्टर्स में कॉमन फेसिलिटी सेंटर्स (सीएफसी) के माध्यम से प्रशिक्षण, कच्चा माल डिपो, सामूहिक उत्पादन/प्रसंस्करण, उत्पाद टेस्टिंग आदि सुविधाओं का विकास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में हस्तशिल्प व हथकरघा क्लस्टर्स को ट्रेनिंग, मार्केटिंग, क्वालिटी सर्टिफिकेशन आदि के लिए 50 लाख रुपए तक सहायता, कच्चा माल डिपो संचालन पर 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान, ई-कॉमर्स के लिए 50 हजार रुपए तक विक्रय सहायता, क्लस्टर्स द्वारा 10 करोड़ लागत वाले सीएफसी की स्थापना के लिए 90 प्रतिशत (गैर रीको क्षेत्रों में 80 प्रतिशत) अनुदान, और गैर रीको क्षेत्रों में 10 एकड़ भूमि पर औद्योगिक पार्क हेतु 60 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक सहायता दी जाएगी। श्री पटेल ने बताया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा को पूरा करते हुए एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्स्टेंडेड रिएलिटी के क्षेत्र में स्थानीय प्रतिभाओं, राज्य की संस्कृति एवं स्थानीय संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एवीजीसी -एक्सआर नीति-2024 लाई जा रही है। इस नीति में राज्य में बनने वाली एनिमेशन फिल्मों, गेम्स एवं कॉमिक्स को उत्पादन अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। स्थानीय संस्कृति और सामग्री निर्माण पर ध्यान केन्द्रित करने वाले स्टार्ट अप्स व उद्यमों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलेरेटर स्थापित किए जाएंगे। ये स्टूडियो कोडिंग, वीएफएक्स लैब एवं एडवांस्ड कम्प्यूटिंग सुविधाओं से लैस होंगे।जोरा जारी वार्ता