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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


हवा में तैर रहे हैं जानलेवा बैक्टीरिया

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (वार्ता) वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बीच प्रदूषित हवा के एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया के संवाहक होने के नये शोध ने वैज्ञानिकों को गंभीर चिंता में डाल दिया है।
स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में प्रदूषित वातारवरण में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टरिया की उपस्थिति पायी है। विश्वविद्यालय के सोग्रेंसेका एकेडमी में प्रोफेसर एवं सेन्टर फॉर एंटीबोयोटिक रेसिसटेंस रिसर्च के निदेशक जोकिम लार्सन ने ‘यूनीवार्ता ’के साथ विशेष बातचीत में आज बताया कि उनकी टीम ने चीन की राजधानी बीजिंग की हवा के नमूने में ऐसे बैक्टीरिया के जीन के डीएनए पाये हैं जो एंटीबायटिक प्रतिरोधी हैं।
प्रोफसर लार्सन ने कहा कि उनकी टीम ने इंसान और जानवरों के कुल 864 डीएनए आैर हवा के नमूनों का गहन अध्ययन किया । इस दौरान प्रदूषित हवा के नमूने में कई मिश्रित जीन मिले। प्रदूषित हवा में मौजूद बैक्टीरिया के जीन के डीएनए में उनके एंटिबायोटिक प्रतिरोधी होने की बात सामने आयी है । प्रोफेसर लार्सन ने कहा “चिंता यह है कि हमने प्रदूषित हवा के जिन नमूने की जांच की उसमेें ऐसे कई जीन मिले हैं जो सबसे असरदार एंटीबायोटिक “कारबपेनेम्स ” के प्रतिरोधी हैं। यह एंटीबायोटिक दवा ऐसी बीमारी में दी जाती है जिसका इलाज प्राय: बहुत मुश्किल हाेता है। लेकिन हमने हवा के विस्तृत नमूने की जांच नहीं की है और एक सटीक नतीजे के लिए और विभिन्न देशों की प्रदूषित हवा के नमूनों की जांच करनी होगी। ” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी प्रदूषित हवा भारत समेत कई देशों की हो सकती है।
आशा. शोभना
जारी वार्ता
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