विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीPosted at: Dec 28 2016 10:38AM इसरो के लिए उपलब्धियों भरा रहा सालनयी दिल्ली 28 दिसम्बर (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने वर्ष 2016 एक के बाद एक नयी इबारतें लिखीं - चाहे एक साथ 20 उपग्रह छोड़ने की बात हो या एक साल में सबसे ज्यादा उपग्रह छोड़ने की, पुन: इस्तेमाल किये जा सकने वाले प्रक्षेपण यान के मॉडल के सफल परीक्षण की बात हो या दो टन से भारी उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित करने की। इसरो ने साल के पहले पाँच महीने में तीन मिशनों को अंजाम दिया जिनमें तीन उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किये गये। ये तीनों नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस (1ई, 1एफ, 1जी) सीरीज के थे। इनके प्रक्षेपण के साथ ही इस सीरीज के सात उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने का काम पूरा हो गया। सातों उपग्रह मिलकर देश का अपना जीपीएस तैयार करने में मदद देंगे। फिलहाल इनका इस्तेमाल असैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं हो रहा है। इनका प्रक्षेपण 20 जनवरी (पीएसएलवी सी31), 11 मार्च (पीएसएलवी सी32) तथा 28 अप्रैल (पीएसएलवी सी33) को किया गया। इसके बाद इसरो ने ऐसा कमाल कर दिखाया जाे इससे पहले सिर्फ अमेरिका और रूस की अंतरिक्ष एजेंसियाँ ही कर सकी थीं। उसने 22 जून को एक साथ एक ही मिशन में 20 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। रूस (33) और अमेरिका (29) ही अब तक ऐसा कारनामा कर सके हैं। ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी34 द्वारा छोड़े गये 20 उपग्रहों में तीन भारतीय और 17 विदेशी थे। करीब 26 मिनट 30 सेकेंड में यह मिशन पूरा हुआ। अजीत उपाध्याय देवेन्द्र जारी वार्ता