खेलPosted at: Aug 16 2018 5:40PM Share बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने कहा, “उन्हें भारतीय क्रिकेट के पुरोधा के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा। इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज दो काफी मजबूत टीमें थीं और उन्हें उनकी धरती में हराना लगभग नामुमकिन था। लेकिन वाडेकर ने यह करिश्मा किया जिससे भारतीय टीम में आत्मविश्वास बढ़ा और उसने वहां से प्रगति की।” बाएं हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज वाडेकर ने अपना टेस्ट पदार्पण मुंबई में 13 दिसम्बर 1966 को वेस्ट इंडीज के खिलाफ किया था। उन्होंने 37 टेस्टों में 31.07 के औसत से 2113 रन बनाये थे जिनमें एक शतक और 14 अर्धशतक शामिल थे। उनका सर्वाधिक स्कोर 143 रन था। वाडेकर ने 237 प्रथम श्रेणी मैचों में 15380 रन बनाये थे जिनमें 36 शतक और 84 अर्धशतक शामिल थे। प्रथम श्रेणी में उनका सर्वाधिक स्कोर 323 रन था। वाडेकर का शुमार देश के बेहतरीन कप्तानों में होता है जिन्होंने भारत को 1971 में इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत दिलाई थी। वाडेकर ने 16 टेस्टों में भारत की कप्तानी की थी जिनमें उन्होंने चार जीते, चार हारे और आठ ड्रा खेले। सरकार ने वाडेकर को अर्जुन अवार्ड (1967) और पद्मश्री (1972) से सम्मानित किया था। बीसीसीआई ने 2011 में वाडेकर को सीके नायुडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था। राजवार्ता