नागपुर 12 दिसंबर (वार्ता) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं और ऋण माफी के मामले में राज्य की देवेन्द्र फड़नवीस सरकार की नाकामी के खिलाफ उनकी पार्टी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी।
श्री पवार ने आज यहां अपने 77 जन्म दिन के मौके पर हल्ला बोल आक्रोश रैली को संबाेधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र में नाकाम साबित हुई है और इसके खिलाफ किसानों को असहयोग आंदोलन करना होगा। इस रैली में 50 हजार लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण के अलावा श्री पवार की पुत्री सुप्रिया सुले और भतीजे अजीत पवार ने भी शिरकत की।
नागपुर में 37 वर्षों के बाद अपने पहले सार्वजनिक आंदोलन में पूर्व कृषि मंत्री श्री पवार ने कहा कि यह मोर्चा यहीं समाप्त नहीं होगा और हम महाराष्ट्र से फडनवीस सरकार और केंद्र से मोदी सरकार का सफाया करेंगे। उन्होंने कहा, “10 साल पहले यवतमाल में किसानों की आत्महत्या के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दौरा किया था और पूरे देश में आठ दिनों की अवधि में ऋण माफी के तौर पर 70,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिसमें से 8000 करोड़ रूपये महाराष्ट्र को दिए गए थे।”
उन्होंने कहा कि पूर्ववती सरकार किसानों और बैंकों पर विश्वास करती थी लेकिन पिछले छह महीने से राज्य की फड़नवीस सरकार बार-बार ऋण माफी के वायदे करती आ रही है लेकिन ये ऋण माफ नहीं किए गए हैं और हर बार मुख्यमंत्री कहते हैं, “हम किसानों का कर्जा माफ करेंगे, किसानों को राहत देंगे। लेकिन समझ नहीं आता वह एेसा कब करेंगे।”
उन्होंने किसानों से यह भी कहा कि जब तक उनके बैंक खातों में धनराशि जमा नहीं करायी जाती है वे बिजली बिल और अन्य करों का भुगतान न करें तथा असहयोग आंदोलन शुरू करें। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल जाता और उनके कर्जे माफ नहीं होते। उन्होंने रैली मेें आये लोगों से आग्रह किया कि वे हर गांव में जाकर यह संदेश फैलाए कि हम किसी की दया के मोहताज नहीं है और जो वायदे किए गए थे उन्हें पूरा होते देखना चाहते हैं।
श्री पवार ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, “दो दिन पहले श्री फड़नवीस ने राकांपा के एक नेता को धमकाया था उनका कहना था जो भी घोटाले अथवा भ्रष्टाचार के मामले सामने हैं हम उनमें कार्रवाई करेंगे। आप एक मुख्यमंत्री हैं और किसी ने भी आपको नहीं रोका है। जो भी कार्रवाई करनी हैं कृपया कर दिखाइये, लकिन यदि आप हमें धमकी देते हैं तो यह बात अच्छी तरह जान लें कि हमारे पास आपको उखाड़ फेंकने की ताकत है। किसानों की सख्ती को कम मत आंकिए। क्योंकि जिन किसानों ने आपको मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठाया था वहीं आपकी गद्दी भी छीन सकते हैं।”
दिनेश जितेन्द्र
वार्ता