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राज्य


4 साल बाद भी स्कूल ने नहीं दी आरटीआई के तहत मांगी जानकारी, सीबीएसई, केंद्रीय सूचना आयोग काे उच्च न्यायालय का नोटिस

सिरसा, 22 जनवरी (वार्ता) पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय नेे सूचना अधिकार केे तहत एक निजी स्कूल केे चार साल तक सूचना न देने के संबंध मेें दाखिल याचिका पर केंद्रीय स्कूली शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और केेंद्रीय सूचना आयोेग कोे नोटिस जारी किया है।
अदालत नेे नोटिस सिरसा केे डीएवी सेंचुरी पब्लिक स्कूल के एक पूर्व कर्मचारी भोला सिंह की 17 जनवरी काे दाखिल याचिका पर जारी कियेे हैं। भाेेला सिंह के वकील प्रदीप रापडिया ने बताया कि 2013 में जब कर्मचारियों की संख्या अधिक होने के नाम पर भोला को स्कूल ने नौकरी से हटा दिया तो उन्हाेंने सूचना के अधिकार के तहत टीचिंग व नॉन-टीचिंग स्टाफ व स्कूल मैनेजमेंट के सदस्यों के बारे में सीबीएसई से सूचना मांगी । सीबीएसई के सूचना अधिकारी ने सूचना के अधिकार के आवेदन को स्कूल को भेजते हुए सूचना देने का अनुरोध किया श्री सिंह का लेकिन सूचना नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने तब केंद्रीय सूचना आयोग के सामने गुहार लगाई और 10 नवंबर 2015 को केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने सीबीएसई को हिदायत दी कि प्राइवेट स्कूल से सूचना एकत्रित करके याचिकर्ता को प्रदान की जाए लेकिन सूचना आयोग के आदेशों के दो साल बाद भी कोई सूचना नहीं दी गयी।
याचिका में कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत मान्यता प्राप्त स्कूलों को पात्र शिक्षक नियुक्त करने और नियत वेतन प्रदान करने का दायित्व है। ऐसे में प्राइवेट स्कूल में नियुक्त अध्यापकों व अन्य स्टाफ की सूचना का बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकार से सीधा सम्बन्ध है और ऐसी सूचना लोगों को सूचना के अधिकार के तहत देने से प्राइवेट स्कूलों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी ।
श्री रापडिया के अनुसार 12 स्मरण पत्र लिखने के बाद भी सीबीएसई व केंद्रीय सूचना आयोग दोनों ही प्राइवेट स्कूल के सामने बौने प्रतीत होते हैं । याचिकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि जो सूचना प्रार्थी को सूचना के अधिकार के तहत 30 दिन के अंदर मिलनी चाहिए थी वो 4 साल बाद भी नहीं मिल पायी, ऐसे में सूचना के अधिकार कानून के तहत दिया गया संवैधानिक मौलिक अधिकार बेमानी है । याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि छोटी मूलभूत सूचना लेने के लिए पिछले 4 सालों में वो अब तक 91000 रुपये खर्च कर चुका है, ऐसे में उसने सीबीएसई को 91000 का मुआवजा देने के निर्देश देने की भी गुहार लगाई है ।
हाई कोर्ट ने सीबीएसई व केंद्रीय सूचना आयोग को नोटिस जारी करते हुए मई के महीने तक जवाब दायर करने की हिदायत दी है।
स़ं महेेश कुलदीप 1452
वार्ता
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