इलाहाबाद, 03 सितम्बर (वार्ता) मध्य प्रदेश,उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के चलते पिछले 24 घंटों को दौरान गंगा तथा यमुना नदी के जलस्तर लगातार खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। जिलाधिकारी ने एसडीएम और तहसीलदारों को बाढ प्रभावित क्षेत्रों में कैंप करने का निर्देश दिया है।
मध्यप्रदेश में हो रही बारिश के चलते केन और बेतवा नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। झांसी के मातीटीला डैम, नरौरा और टिहरी डैम से छोडा गया पानी इलाहाबाद में पहुंचने लगा जिससे गंगा और यमुना नदियों का पानी तेजी से खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान फाफामऊ में गंगा का जलस्तर क्रमश: 31, छतनाग में 51 और नैनी (यमुना) में 56 सेंटीमीटर बढ़ गया है।
उन्होंने बताया कि रविवार को फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 80.28 मीटर दर्ज किया गया था जो सोमवार को 80.59 मीटर दर्ज किया गया है। इसी प्रकार छतनाग का जलस्तर 78.40 मीटर था जो बढ़कर 78.91 मीटर हो गया है जबकि यमुना का जलस्तर 78.98 दर्ज किया गया था जो बढ़कर 79.54 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा के खतरे का निशान 84.73 मीटर दर्ज है।
जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने निचले क्षेत्रों में पानी घुसने की खबर से सभी एसडीएम और तहसीलदारों को बाढ प्रभावित क्षेत्रों में कैंप करने का निर्देश दिया है। राहत में तैनात कर्मियों के अवकाश भी रद्द कर दिये गये हैं। नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों के साथही लेखपालों को बाढ प्रभावित मोहल्लों एवं गांवों की लगातार रिपोर्ट देने को कहा गया है। घाट पर रहने वाले तीर्थ पुरोहिताें को लगातार अपनी चौकियां पीछे खिसका ली हैं।
दिनेश भंडारी
वार्ता