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राज्य


एनएच-87 में धांधली को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस

नैनीताल, 05 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखंड में नैनीताल उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग-87 में धांधली को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केन्द्र सरकार, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग-87 के परियोजना निदेशक तथा कुमाऊं के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने प्रदेश सरकार से पूछा कि क्या एनएच-74 की जांच करने वाले विशेष जांच दल ( एसआईटी) को एनएच-87 की भी जांच का काम सौंपा जा सकता है?
हल्द्वानी निवासी राजेन्द्र कुमार ने एक जनहित याचिका में दायर कर न्यायालय को बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर से काठगोदाम तक राष्ट्रीय राजमार्ग-87 का विस्तारीकरण किया जा रहा है। सरकार की ओर से इस कार्य के लिये किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया। अधिग्रहीत भूमि के बदले किसानों को मुआवजा का आवंटन किया गया, जिसमें बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है। याचिकाकर्ता ने न्यायाल को बताया कि एनएच-74 की तर्ज पर एनएच- 87 के लिए अधिग्रहीत भूमि का लैंड यूज बदल दिया गया है। एक जमीन के लिये अलग: अलग मुआवजा का आवंटन किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गयी है।
मामले की सुनवाई करने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यान्याधीश राजीव शर्मा तथा न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगल पीठ ने केन्द्र सरकार, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, परियोजना निदेशक तथा कुमाऊं आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और प्रदेश सरकार से पूछा कि क्या इस मामले की जांच भी राष्ट्रीय राजमार्ग-74 की जांच करने वाली एसआईटी को सौंपी जा सकती है?
सं. संतोष
‌वार्ता
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