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राज्य


लाठीचार्ज, गिरफ्तारियों ने किया रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को बेअसर

चंडीगढ़, 05 सितंबर (वार्ता) हरियाणा सरकार के 700 प्राइवेट बसें हायर करने के विरोध में और अन्य मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों का चक्का जाम आज पुलिस व प्रशासन की सख्ती के आगे नहीं टिक सका और लाठीचार्ज, गिरफ्तारियों के कारण हड़ताल लगभग बेअसर रही।
हरियाणा सरकार ने पहले ही हड़ताल के खिलाफ आवश्यक सेवा देखरेख अधिनियम (एस्मा) लगाने की धमकी दी थी तथा पंजाब एवं उच्च न्यायालय ने भी कल सरकार को एस्मा के तहत सख्ती बरतने और डिपो की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिये थे।
पुलिस व प्रशासन का हड़ताल से निबटने का पैटर्न सभी जगह एक जैसा रहा और कल रात से ही डिपो पर पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई। आज सुबह जैसे ही कर्मचारियों ने डिपो पहुंचकर विरोध करने की कोशिश की गई तो पहले उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की गई फिर कुछ नेताओं को हिरासत में लिया गया। उसके बाद ही बस सेवाएं पुलिस की मदद से शुरू हो पाईं।
अंबाला में कुछ हड़ताली कर्मचारियों को पुलिस ने सुबह ही हिरासत में ले लिया जिसके बाद बसें चलाई जा सकीं।
पुलिस उपाधीक्षक अजीत कुमार ने बताया कि हिरासत में लिए गये कर्मचारियों के खिलाफ रोडवेज महाप्रबंधक जो शिकायत देंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
हिसार में कर्मचारियों ने आज सुबह बस अड्डा परिसर पर जमकर नारेबाजी की। प्रशासन ने जब बसों को चलाने का प्रयास किया गया तो हड़ताली कर्मचारियों ने रास्ता रोक लिया और बसों के आगे खड़े हो गए। इस पर पुलिस ने रोडवेज कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा, रमेश सैनी, रामसिंह बिश्नोई समेत 37 कर्मचारी नेताओं को हिरासत में ले लिया। इन सभी कर्मचारी नेताओं को पुलिस बस में बैठाकर आदमपुर ले गई। बाद में प्रशासन द्वारा पुलिस पहरे में यहां से बसों को रवाना किया गया। हांसी में प्रशासन के दबाव बनाए जाने के चलते दोपहर को हड़ताल खत्म कर दी गई। पुलिस ने यहां पर तीन कर्मचारी नेताओं अनिल, कर्ण सिंह व अमर सिंह को बसों को जबरन रोकने के आरोप में फौरी तौर पर हिरासत में ले लिया, जिनको बाद में बसें चलने के बाद छोड़ दिया गया।
फतेहाबाद में पुलिस और हड़ताली रोडवेज कर्मचारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। पुलिस सभी हड़ताली रोडवेज कर्मचारी नेताओं को हिरासत में लेकर थाने ले गई। वहां 45 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
दादरी में बसों को रोकने का प्रयास कर रहे सात कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया।बाद में साथियों की रिहाई को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने रोज गार्डन में मीटिंग कर रोष जताया और चेतावनी दी कि गिरफ्तार कर्मचारियों की रिहाई नहीं की गई तो पूरे हरियाणा को बंद कर दिया जाएगा।
भिवानी में सुबह कुछ प्रदर्शनकारी रोडवेज वर्कशाप पहुंचे पर महाप्रबंधक का कार्यभार देखे रहे भिवानी के एसडीएम सतीश कुमार ने चेतावनी दी कि अगर किसीने कानून को हाथ में लेने की कोशिश की तो प्रशासन सख्ती से निपटेगा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। यहां अधिकांश तय रूट पर बसें चलती दिखीं। यहां इंटक को छोड़कर कई अन्य यूनियनों ने हड़ताल से किनारा कर लिया। इंटक नेता अजय शर्मा ने कहा कि यह लड़ाई आम जनता के हितों के लिए है और प्राईवेट परमिटों के विरोध में है। उन्होंने कहा कि विरोध जारी रहेगा।
रोडवेज महाप्रबंधक सतीश कुमार सैनी ने दावा किया कि सभी बसें तय रूटों पर चल रही हैं व हड़ताल का किसी तरह का असर नहीं है। उन्होंने कहा कि भिवानी व तोशाम में पुख्ता प्रबंध किए गए हैं व 171 बसें अपने-अपने तय रूटों पर चल रही हैं।
जींद में बसें रोकने का प्रयास कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें कुछ कर्मचारियों के घायल होने की सूचना है। रोडवेज कर्मचारियों की एक यूनियन के कुछ कर्मचारियों ने बुधवार अल सुबह जींद डिपो की पहले टाइम लेकर चलने वाली बसों को जबरदस्ती रोकने का प्रयास किया तो मौके पर तैनात पुलिस बल के जवानों ने उन पर लाठीचार्ज कर कुछ को खदेड़ दिया और कुछ को हिरासत में ले लिया।
सिरसा से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने रोडवेज के पांच कर्मचारी नेताओं के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला दर्ज किया तथा उनमें से तीन को गिरफ्तार भी किया। गिरफतार किए गए कर्मचारी नेताओं में भीम सेन, चंद्र शेखर व चिमनलाल शामिल है।
पुलिस ने इसके अलावा 12 कर्मचारी नेताओं व कर्मचारियों के खिलाफ शांति भंग करने के आरोप में 107, 151 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई हरियाणा रोडवेज सिरसा डिपो के महाप्रबंधक खूबीराम कौशल की शिकायत पर की है।
टीम महेश विजय
वार्ता
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