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राज्य


मध्यप्रदेश में बंद का व्यापक असर, ट्रेन रोकी, हल्की फुल्की झड़पें

भोपाल, 06 सितंबर (वार्ता) अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में संशोधन के विरोध में आज आयोजित बंद का मध्यप्रदेश में व्यापक असर देखा गया। कुछ शहरों में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर बंद शांतिपूर्ण रहा। अशोकनगर में ट्रेन रोकी गई, वहीं रीवा और शहडोल में लाठीचार्ज की नौबत आई।
बंद के दौरान अशोकनगर जिले शाढौरा रेलवे स्टेशन में सुबह लगभग साढ़े 11 बजे हजारों प्रदर्शनकारियों के बीना-गुना रेलवे ट्रैक पर जमा होने के कारण कुछ ट्रेनों को आसपास के स्टेशनों पर रोका गया। लगभग तीन घंटे तक रेल यातयात बाधित रहा। इसके चलते यहां से गुजरने वाली करीब एक दर्जन ट्रेनों को बीना और गुना के बीच के स्टेशनों पर ही रोक कर रखा गया। लोगों को रेलवे ट्रैक से हटाने के लिए जिला मुख्यालय अशोकनगर से बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भेजा गया। अधिकारियों की लंबी समझाइश के बाद प्रदर्शनकारी ट्रेक से हटे।
दोपहर में जिला मुख्यालय पर भी बंद समर्थकों और प्रशासनिक अधिकारियों में हल्का विवाद हुआ। प्रदर्शनकारी रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन देना चाहते हैं, जबकि प्रशासन धारा 144 लागू होने के कारण उन्हें ऐसा करने से रोक रहा था। बाद में प्रदर्शनकारी रैली निकाल कर ही माने।
रीवा में प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय सिरमौर चौराहे पर आगजनी का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस को उन पर हल्का लाठीचार्ज करते हुए बलप्रयोग करना पड़ा। रीवा में सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे।
शहडोल के गांधी चौक में नुक्कड़ सभा के दौरान पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज किया। इसमें एक युवक का सिर फट गया और 22 लोगों को चोट आई है। लाठीचार्ज की शिकायत होने पर जिला मजिस्ट्रेट अनुभा श्रीवास्तव ने मामले की दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं।
दो अप्रैल को दलितों के बंद के दौरान भारी हिंसा का सामना कर चुके चंबल संभाग के मुरैना जिले के दिमनी में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच मामूली झड़प हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी दिमनी थाने पहुंचे और वहां प्रदर्शन करने लगे। इसी दौरान उन्हें खदेड़ने के प्रयास में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मामूली झड़प हुई।
भिंड में भी अज्ञात तत्वों ने पथराव करते हुए आगजनी का प्रयास किया, लेकिन समय रहते पुलिस ने इस प्रयास को निष्फल कर दिया। यहां पुलिस ने प्रदर्शन करने के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के बेटे पुष्पेंद्र सिंह को हिरासत में लिया, पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।
बंद के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील भिंड, ग्वालियर, मुरैना और शिवपुरी में लगभग सभी बाजार बंद रहे। सभी स्थानों पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा रहा। सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहे। लोगों ने अपनी दुकानें स्वेच्छा बंद रखीं। इन क्षेत्रों में दो अप्रैल को हुए बंद के दौरान फैली हिंसा के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए थे।
कटनी में बंद के दौरान जनपद पंचायत अध्यक्ष कन्हैया तिवारी ने सत्तारूढ़ भाजपा की नीतियों का विरोध करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। यहां समूचे बाजार बंद रहे। यहां कई लोगों ने सड़कों पर उतर कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
राजधानी भोपाल में ज्यादातर बाजार और पेट्रोल पंप बंद रहे और सड़कों पर भी शांति बनी रही। राजधानी के सभी सीबीएसई स्कूलों में आज ऐहतियातन अवकाश घोषित कर दिया गया था। व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वेच्छा से बंद रखे गए। बंद के कारण खासतौर पर बाहर से यहां पढ़ने आए छात्रों को खाने में परेशानी आई। राजधानी के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में भी सभी बाजार स्वेच्छा से बंद रखे गए। इंदौर में भी प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की थी। सागर में भी बाजार बंद रहे। यहां भी प्रशासनिक अमला अतिरिक्त सुरक्षा बल के साथ सड़कों पर तैनात है।
विदिशा से भाजपा विधायक कल्याण सिंह ठाकुर के घर का प्रदर्शनकारियों ने घेराव किया। हालांकि प्रदर्शनकारियों की बात पर भी विधायक कुछ भी कहने से बचते रहे। जिले की सभी तहसीलों पर बाजार बंद रहे।
श्योपुर में भी बाजार, सार्वजनिक परिवहन के साधन और स्कूल बंद रखे गए। श्योपुर के स्थानीय विधायक दुर्गालाल विजय के घर के सामने कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया और उन्हें काले झंडे भी दिखाए।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा और सिवनी में भी लोगों ने स्वेच्छा से बाजार बंद किए।
प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ और अलीराजपुर में भी सवर्णों के बंद के दौरान सभी बाजार लगभग बंद रहे। करीब 85 फीसदी से ज्यादा आदिवासियों वाले इन दोनों जिलों में भी व्यवसायियों ने स्वेच्छा से बंद रखा। दोनों ही स्थानों पर स्थितियां शांतिपूर्ण रहीं।
रतलाम में भी बंद की स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही। सतना में भी बंद शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। स्कूलों में भी बच्चों की मौजूदगी बहुत कम देखी गई। रायसेन में कई स्थानों पर लोग सड़कों पर एकत्रित हुए, लेकिन तनाव जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई।
प्रदेश के हरदा और खंडवा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा थी। इसके मद्देनजर दोनों ही स्थानों पर बंद को देखते हुए सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए। आज बंद और पिछले दिनों श्री चौहान के रथ पर सीधी के चुरहट में पथराव की घटना को देखते हुए मुख्यमंत्री की आज की यात्रा हेलीकॉप्टर और कार से हो रही है।
बंद के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने कल अपील की थी कि प्रदेश शांति का टापू है और इसे किसी की नजर न लगे। उन्होंने खरगोन जिले के भीकनगांव में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश में सब मिलकर काम करें। कोई बात है तो शांति से कहें, ताकि अपने प्रदेश की शांति व्यवस्था, कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े। सभी समाजों को साथ में लिए आगे बढ़ते जाना है।
टीम सुधीर
वार्ता
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