इलाहाबाद,07 सितम्बर (वार्ता) । तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना के जलस्तर रफ्ता रफ्ता कम हो रहा है लेकिन अभी बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण अचानक नदियों का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने की आशंका अभी बनी हुई है।
सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अधिशाषी अभियंता मनोज सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में बरसात हो रही है और टिहरी तथा नरौरा बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण एक बार फिर नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गंगा और यमुना के जलस्तर में पिछले 24 घंटे के दौरान 22 :31 :31 सेंटीमीटर कमी दर्ज की गयी हैं। रफ्तार धीरे धीरे कम हो रही है।
गुरुवार सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर क्रमश: 81.52 मीटर, छतनाग 80.26 मीटर और नैनी (यमुना) 80.91 मीटर दर्ज किया गया है जबकि शुक्रवार को इसी समय फाफामऊ में 81.30 मीटर, छतनाग में 79.95 मीटर और नैनी (यमुना) 80.60 दर्ज किया गया है।
बाढ़ का पानी कम होने से दोनों नदियों के निचले इलाके में रह रहे लोगों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन दिक्कत कम नहीं हुई। आने वाले दिनों में जलस्तर बढ़ने का खतरा बना है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि दो मीटर पानी और बढ़ा तो निचले इलाकों दारागंज, करैलाबाग, ककहरा घाट, सलोरी, बेली गांव, चांदपुर सलोरी, राजापुर, गंगापुर, महेवा गांव में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ सकती है।
दिनेश सोनिया
वार्ता