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राज्य


उत्तराखंड में उडान योजना में देरी पर केन्द्र शपथपत्र पेश करे: हाईकोर्ट

नैनीताल 07 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में उडान (उड़े देश का आम नागरिक) परियोजना के क्रियान्वयन में होने वाली देरी के लिये केन्द्र सरकार को जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही सहायक साॅलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल को दिल्ली से पंतनगर के लिये नियमित हवाई सेवा के लिये एअर इंडिया से बात करने के निर्देश दिये हैं।
पीठ ने प्रदेश के प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को निर्देश दिये कि वह अन्य राज्यों की तरह रियायती दर पर ईंधन उपलब्ध कराने के मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष पेश करे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगल पीठ ने अधिवक्ता पंकज मिगलानी की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद ये निर्देश जारी किये हैं। मामले की सुनवाई के दौरान पंतनगर हवाई अड्डे के निदेशक ने बताया कि हवाई सेवा संचालित करने वाली देश की विभिन्न चार कंपनियों से बात की लेकिन किसी ने भी पंतनगर, दिल्ली और लखनऊ एवं देहरादून हवाई सेवा संचालित करने के लिये संतोषजनक जवाब नहीं दिया है।
निदेशक की ओर से कहा गया कि उन्होंने इन कंपनियों को बताया कि पंतनगर के आसपास नैनीताल, रुद्रपुर, किच्छा, हल्द्वानी, काशीपुर रामपुर और रामनगर शहर मौजूद हैं। पंतनगर औद्योगिक आस्थान के अलावा बड़ी कंपनियों की इकाइयां मौजूद हैं। नैनीताल एवं कार्बेट पार्क जैसे पर्यटक स्थल मौजूद हैं।
निदेशक की ओर से बताया गया कि पंतनगर से दिल्ली के लिये एअर इंडिया के लिये सप्ताह में मात्र चार हवाई सेवा उपलब्ध हैं। सोमवार, मंगलवार एवं गुरुवार को कोई सेवा उपलब्ध नहीं है। निदेशक ने पीठ को आगे बताया कि कुछ राज्य सरकारें रियायती दर पर ईंधन उपलब्ध करा रही हैं।
पीठ ने शुक्रवार को जारी आदेश में केन्द्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिये हैं। पीठ ने कहा है कि सरकार राज्य में उडान योजना के क्रियान्वयन में होने वाली देरी के संबंध में शपथ पत्र दे। साथ ही प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया कि रियायती दर पर ईंधन उपलब्ध कराने के लिये वह मुख्यमंत्री के समक्ष इस संबंध में इस मामले को प्रस्तुत करे।
अदालत ने सहायक साॅलिसिटर को भी निर्देशित किया कि वह दिल्ली से पंतनगर के लिये नियमित सेवा के संबंध में तीन दिन के अंदर एअर इंडिया से बात करें। मामले में अगली सुनवाई 29 सितम्बर को होगी।
रवीन्द्र, उप्रेती
वार्ता
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