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राज्य


श्री मंडल ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि के बाद लोगो के रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली सभी वस्तुएं महंगी हो गयी है। केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क प्रतिलीटर 19.48 रुपये और डीजल पर 15.33 रुपये लेती है। वहीं, बिहार की नीतीश सरकार पेट्रोल पर प्रतिलीटर 24.21 रुपये और डीजल पर 18.34 रुपये उत्पाद शुल्क लेती है। इस तरह केंद्र और नितीश सरकार पेट्रोल पर 43.69 रुपये और डीजल पर 33.67 रुपये प्रतिलीटर उत्पाद शुल्क के नाम पर मुनाफा कमाती हैं। इसके बावजूद दोनों सरकारें उत्पाद शुल्क कम करके देश और राज्य की जनता को महंगाई से राहत नहीं देना चाहती हैं।
सांसद ने आरोप लगाते हुये कहा कि मोदी सरकार ने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ उत्पाद शुल्क के नाम पर 11 लाख करोड़ रुपये कमाये हैं। मोदी की सरकार ने गरीबों की जेब से गाढ़ी कमाई निकाल कर अपनी और तेल कंपनियों की जेब भर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये प्रतिलीटर था। वहीं, इस दौरान पेट्रोल की कीमत 71.48 रुपये और डीजल की 56.71 रुपये प्रति लीटर थी।
श्री मंडल ने कहा कि संप्रग सरकार में पेट्रोल और डीजल की कीमत तुलनात्मक रूप से कम होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के नेता संप्रग सरकार के खिलाफ महंगाई पर कोहराम मचाते थे। लेकिन, आज महंगाई की मार से जनता कराह रही है। चारो ओर कोहराम मचा हुआ है लेकिन मोदी सरकार मौन धारण कर बैठी हुई है। सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
सं सूरज सतीश
वार्ता
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