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राज्य


फर्जीवाड़े मामले में आरोपियों को कारावास

जबलपुर 07 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के जबलपुर में फर्जी तरह से एक बैंक से रिण लेने के मामले में दोषी ठहराये गये आरोपियों को कारावास की सजा सुनाई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से फर्जी तरीके से रिण लेने के मामले में सीबीआई की विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने कल एसबीआई के तत्कानील बैंक मैनेजर व बिल्डर को कारावास की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने आरोपी बैंक मैनेजर पर 24 लाख रूपये तथा बिल्डर पर 16 लाख रूपये का अर्थदण्ड भी लगाया है।
अभियोजन के अनुसार वर्ष 2002 में एसबीआई की जीसीएफ बांच से आठ व्यक्तियों के नाम पर चार-चार लाख रूपये का लोन हुआ था। जिन दिन आवेदन दिया गया, उसी दिन लोन की राशि भी जारी कर दी गयी। शिकायत मिलने पर सीबीआई ने जांच की तो पाया कि जिन व्यक्ति को सीओडी के कर्मचारी होने के आधार पर लोन किया दिया है, वह वास्तव में कर्मचारी ही नहीं है। इतना ही नहीं मकान बिल्डर द्वारा प्रदर्शित स्थल में मकान का निर्माण नहीं हुआ था।
सीबीआई ने जांच के बाद तत्कानील बैंक मैनेजर अरविंद श्रीवास्तव, अकांक्षा बिल्डर के संचालक प्रमोद शर्मा व नरेन्द्र शर्मा से लोन लेने वाले सभी आठ व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम के तहत अलग-अलग प्रकरण दर्ज किये थे। न्यायालय ने सभी आठ प्रकरणों में बैंक मैनेजर व बिल्डर को पांच-पांच वर्ष की सजा तथा क्रमश तीन व दो लाख रूपये जुर्माना लगाया है।
लोन लेने वाले शैलेष शर्मा, रमेश शर्मा, विजेन्द्र सिंह, सुरेश राव, रंजीत कोरी और बसंत को पांच साल की सजा व दो लाख रूपये अर्थदण्ड की सजा से न्यायालय ने दण्डित किया है। आरोपी रतिराम ने लोन लेने के साथ गारंटी ली थी।
न्यायालय ने दोनों प्रकरण में उसके पांच-पांच साल कुल दस वर्ष की सजा तथा चार लाख रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। प्रकरण की सुनवाई के दौरान बिल्डर प्रमोद शर्मा तथा लोन लेने वाले एक आरोपी राजेश शर्मा की मौत हो गयी है।
सं नाग
वार्ता
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