राज्यPosted at: Sep 10 2018 7:46PM श्री टंडन ने कहा कि जो परिणामदायी प्रशासन प्रदान करने तथा विश्वविद्यालयों में सुधार के कार्यक्रमों को गति प्रदान करने में अपनी सक्षम भूमिका निर्वाह करेंगे, उन्हें समुचित संरक्षण प्रदान किया जायेगा लेकिन जो निर्धारित प्राथमिकताओं पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास में कुलाधिपति कार्यालय की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका है। बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे नवाचारी कदम उठाये जाने चाहिए, जिसे लोग आगे भी याद रखें, पूरे देश के लिए वह नजीर बन जाये तथा सभी उसकी प्रशंसा करें। राज्यपाल ने कहा कि विवेकानुदान के मामलों तथा राजभवन से संचालित अन्य संगठनों के माध्यम से बच्चों, महिलाओं और वृद्धों के कल्याण के लिए सही पात्रता देखते हुए उदारपूर्वक सहायता की जानी चाहिए। उन्होंंने कहा कि राज्यपाल सचिवालय में आयोजित होनेवाली बैठकों या विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा होनेवाले निरीक्षणों के वास्तविक सकारात्मक परिणाम दिखायी पड़ने चाहिए। प्रत्येक निर्णय का समयबद्ध रूप से शत-प्रतिशत अनुपालन होना चाहिए। बैठक में राज्यपाल को उनके सचिवालय के विभिन्न वरीय अधिकारियों ने अपनी-अपनी शाखाओं की गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। श्री टंडन को ‘राजभवन संवाद’ पत्रिका के सितम्बर 2018 की प्रथम प्रति प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने भेंट की। इस दौरान राजभवन के सभी वरीय अधिकारी उपस्थित थे।सूरज रमेशवार्ता