Thursday, Apr 25 2024 | Time 05:41 Hrs(IST)
image
राज्य


राष्ट्रीय-गंगा बाढ़ दो अंतिम इलाहाबाद

मध्यप्रदेश और उत्तराखण्ड में लगातार हो रही बारिश और वहां के बांधो से छोड़े गये पानी के कारण स्थिति भयावह होती जा रही है। मध्य प्रदेश की केन और बेतवा नदियों का पानी तेजी से यमुना में पहुंचने से यमुना में उफान बढ़ता जा रहा है। नाविकों ने अपने नावों को किला तरफ किनारे लगा लिया है।
सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अधिशाषी अभियंता मनोज सिंह का कहना है कि उत्तराखंड में बरसात हो रही है और टिहरी तथा नरौरा बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण एक बार फिर नदियों का जलस्तर के साथ मध्य प्रदेश की केन एवं बेतवा नदियों का पानी यमुना में आने से उफान शुरू हो गया। गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर और यमुना का एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 60 सेंटीमीटर, छतनाग में 45 और नैनी में यमुना 72 सेंटीमीटर अधिक दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि गंगा और यमुना नदी का खतरे का निशान 84.740 है। दोनो नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को छूने से मात्र 1.86 मीटर और 1.96 मीटर नीचे रह गया है।
गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे फाफामऊ में 82.88 मीटर, छतनाग में 82.08 तथा नैनी में यमुना 82.78 मीटर दर्ज किया गया है जबकि इसी समय सोमवार को गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.28, छतनाग 81.35 और नैनी में (यमुना) 82.06 मीटर दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि दोनो नदियों का जलस्तर यदि इसी क्रम में बढ़ता रहा तो आगामी दो-तीन दिनों में खतरे के निशान को छू लेंगी।
जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव ने बताया कि जल पुलिस, सिविल पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ के साथ जलपुलिस के गोताखोर और निजी गोताखोर घाटों पर मुस्तैद है। जल पुलिस लगातार बोट से चक्रमण कर रही है।
दिनेश प्रदीप
चौरसिया
वार्ता
image