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राज्य


उन्होने बताया कि राज्य सरकार ने लगभग 4100 करोड़ रूपपे की आरक्षित निधि राशि मे महज 1800 करोड़ रूपए का निवेश किया जबकि शेष 56 प्रतिशत राशि केवल बुक इन्ट्री थी।अगर इस राशि का निवेश किया गया होता,तो बड़ी राशि ब्याज के रूप में आती।इसकी प्रकार राज्य आपदा राहत निधि की 693 करोड़ रूपए की राशि का निवेश नही किया। उन्होने बताया कि वर्ष 2000 में यह निधि शुरू की गई थी। अगर राशि का निवेश किया गया होता 225 करोड़ रूपए ब्याज के रूप में प्राप्त होते।
श्री मोहन्ती ने बताया कि राज्य विद्युत वितरण कम्पनी ने कृषि जीवन ज्योति योजना के लिए 1955 करोड़ रूपए का ऋण लिया जिसकी ऋण गारन्टी राज्य सरकार ने दी है। नियमतः इसका बजट में उल्लेख होना चाहिए था लेकिन नही किया गया। उन्होने बताया कि बजट उपयोगिता प्रमाण पत्र लिए बगैर ही 5600 करोड़ रूपए आवंटित किए गए जबकि बगैर प्रमाण पत्र लिए राशि जारी नही जानी थी।
उन्होने बताया कि राज्य के श्रम विभाग ने विनिर्माण कार्यों पर एक प्रतिशत राशि वसूल की और उसके खाते में 465 करोड़ रूपए पड़े हुए है लेकिन उसने यह राशि श्रमिको के हितों के लिए खर्च नही की। उन्होने सिंचाई परियोजनाओं में लागत वसूली को काफी सन्तोषजनक बताया।उन्होने बताया कि वर्ष 2016-17 में इन परियोजनाओं पर 508 करोड़ रूपए व्यय हुए जबकि 624 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति हुआ। उन्होने कहा कि बताया कि इसका कारण इनमें अधिकांश के औद्योगिक प्रायोजन के लिए होना था।
साहू
वार्ता
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