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राज्य


उत्तराखंड में स्वच्छता पर सर्वधर्म सहभागिता सम्मेलन

ऋषिकेश/नजीबाबाद 12 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को गति देने और जन समुदाय तक स्वच्छता का संदेश पंहुचाने के लिये उत्तराखंड के नजीबाबाद प्रशासन ने अनूठा पहल करते हुए बुधवार को सर्वधर्म सहभागिता सम्मेलन का आयोजन किया।
नजीबाबाद के उप जिलाधिकारी डाॅ पंकज कुमार वर्मा जी और अन्य अधिकारियों ने कुपोषण, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के संरक्षण में विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं को एक मंच पर लाकर इस सम्मेलन काे आयोजित किया।
इस सम्मेलन का शुभारम्भ स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जीवा की अन्तरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, शिया धर्मगुरू कोकब मुस्तबा, सिख धर्मगुरू कुलदीप सिह भोगल, श्री परमजीत सिंह चंडोक, ईसाइ धर्म गुरू फादर जोशी, नजीवबाबाद जामा मस्जिद के मौलाना और उपजिलाधिकारी डाॅ पंकज कुमार वर्मा जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द ने बड़ी संख्या में उपस्थित जन समुदाय, छात्र-छात्राओं, आशा कार्यकर्ता और जिले के समस्त अधिकारी गणों को स्वच्छता और जल संरक्षण का संकल्प कराया। इस अवसर पर नजीबाबाद के विभिन्न स्कूलों एवं आगनवाड़ी के छोटे-छोटे बच्चों ने कुपोषण, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाते हुये गीत-संगीत एवं मंत्रमुग्ध करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर जिले में स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया गया।
सभी धर्मो के धर्मगुरूओं ने गुरूकुल इंटरनेशनल स्कूल प्रांगण में सर्वधर्म सहभागिता के प्रतीक के रूप में 200 फलदार पौधों का रोपण किया।
इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी चिदानन्द ने कहा,“ अब हमें देवालय के साथ शौचालय की भी जरूरत हैं। खुले में शौच के कारण मिट्टी में ई-कोलाइ बैक्टीरिया उत्पन्न होता है जिससे मानव शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
जहां शौचालय है वहां स्वच्छ परिवार है इसलिए शौचालयों को भी देवालयों की तरह इज्जत प्रदान करें।”
उन्होंने कहा,“देश में खुशहाली लानी है तो हरि और अली के मानने वालों को एक होना होगा और मिलकर अपने देश के लिये कार्य करना होगा।” उन्होने मल और जल दोनों को शुद्ध करने की बात पर जोर दिया।
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा, “ हमारे बच्चे केवल खाने की कमी के कारण कुपोषित नहीं होते बल्कि शौचालय की कमी के कारण तथा शुद्व जल के अभाव में अधिक बच्चे कुपोषित हो रहे हैं।” उन्होने सब्जियों एवं फलों पर उपयोग होने वाले रासायनिक खाद के उपयोग को बंद करने और गोबर के खाद का उपयोग करने की बात पर जोर देते हुये कहा कि रासायनिक खाद हमारे शरीर के लिये अत्यंत हानिकारक है।
सं.संजय
वार्ता
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