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राज्य


मानसून की विदाई की सामान्य तिथि करीब, गुजरात में अब तक सामान्य के तीन चौथाई से भी कम वर्षा

अहमदाबाद, 13 सितंबर (वार्ता) गुजरात मेें मानसून की विदाई (विदड्राॅल) की सामान्य तिथि 15 सितंबर में अब दो ही दिन बचे हैं पर अब तक राज्य में सालाना औसत मानसूनी वर्षा के तीन चौथाई से भी कम बारिश ही हुई हैं।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार राज्य में आज तक मात्र 73.87 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गयी है।
आने वाले दिनों में अच्छी मानसूनी बारिश की नहीवत संभावना के चलते इस साल औसत के पूरा होने की भी काफी कम उम्मीद है। हालांकि उम्मीद की किरण इस बात पर टिकी है कि वर्ष 2011 से लेकर पिछले साल तक मानसून की विदाई की प्रक्रिया हर बार विलंब से ही होती रही है। अगर ऐसा इस साल भी हुआ और इस बीच वर्षा हुई तो कुछ हद तक भरपायी हो सकती है।
यहां मौसम केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के कच्छ क्षेत्र में अब तक मात्र 26.51 प्रतिशत वर्षा ही हुई है। दस प्रतिशत से भी कम वर्षा वाले राज्य के तीन में से दो तालुका लखपत (3.44 प्रतिशत) और रापर (5.65) कच्छ जिले में ही हैं। इसके अलावा बनासकांठा के वाव तालुका में भी मात्र 5.56 प्रतिशत वर्षा ही हुई है। उत्तर गुजरात में अब तक 42.93, मध्य पूर्व गुजरात में 66.83, सौराष्ट्र में 72.20 तथा दक्षिण गुजरात 94.79 प्रतिशत वर्षा हुई है। 33 में से मात्र पांच जिले वलसाड, गिर सोमनाथ, नवसारी, आणंद और भरूच में ही औसत अथवा इससे अधिक वर्षा हुई है।
राज्य में मानसून की वापसी की प्रक्रिया कच्छ से ही शुरू होती है और कुछ दिनों में पूरे राज्य से इसकी वापसी हो जाती है। पिछले साल मानसून का आगमन सामान्य तिथि 15 जून से तीन दिन पहले हुआ था जबकि वापसी सामान्य से 12 दिन बाद 27 सितंबर से शुरू हुई थी। पिछले साल 110 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई थी।
इस साल मानसून का आगमन 22 जून को सामान्य तिथि से एक सप्ताह विलंब से हुआ है।
वर्षा में अब हो रही देरी के कारण राज्य सरकार ने खेतों में लगी फसल को बचाने के लिए नर्मदा परियोजना के पानी को सिंचाई के लिए देने के निर्देश दिये हैं। राज्य में अब तक औसत से कम वर्षा के बावजूद पड़ोसी मध्य प्रदेश से पानी की बेहतर आवक के कारण राज्य में जल आपूर्ति की जीवन रेखा कहे जाने वाले सरदार सरोवर नर्मदा बांध से जुड़े जलाशय का जलस्तर अब 125 मीटर से ऊपर पहुंच गया है। इसमें पानी का संग्रह भी 40 प्रतिशत से अधिक है।
रजनीश
वार्ता
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