मथुरा,13 सितंबर(वार्ता)उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तरह राधाष्टमी का पर्व मनाने का फैंसला लिया है और इस पर्व पर दो दिवसीय बरखा बहार श्री राधा जन्मोत्सव मनाने का निश्चय किया है।
उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि राधाष्टमी के पहले बरसाना में बीज गोदाम पर संस्कृति विभाग द्वारा उक्त कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके तहत 15 सितंबर को मटकी फोड़ माखन चोरी एवं अन्य विविध लीलाओं का प्रस्तुतीकरण मथुरा के आचार्य मृदुलकांत शास्त्री के निर्देशन में प्रस्तुत किया जाएगा। इसी सायं राष्ट्रीय कथक संस्थान लखनऊ के कलाकारों द्वारा कथक वैले प्रस्तुत किया जाएगा। इस शाम का अंतिम कार्यक्रम अनुराधा पोडवाल मुम्बई द्वारा भजनों का प्रस्तुतीकरण होगा।
उन्होंने बताया कि 16 सितंबर को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं पर आधारित बोली सम्मेलन होगा। दोनों ही दिन शाम सात बजे से होने वाले कार्यक्रम में दूसरे दिन ब्रज के लोकनृत्यों का प्रस्तुतीकरण मथुरा की गीतांजलि शर्मा द्वारा किया जाएगा। इसी शाम स्वास्तिक रंग मण्डल मथुरा द्वारा मल्हार गीत एवं नृत्य का प्रस्तुतीकरण भी होगा। दूसरे दिन के कार्यक्रम का समापन मुम्बई की इन्दिरा नाईक द्वारा प्रस्तुत भजन से होगा।
श्री चौधरी ने पिछले सप्ताह यहां आयोजित बैठक में अधिकारियों को बरसाना में इस बार बहुत अच्छी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए थे और कहा था कि जन्माष्टमी की तरह राधाष्टमी पर नन्दगांव और बरसाना के मंदिर रंग बिरंगे प्रकाश से जगमगाएंगे।
वैसे ब्रजवासियों के लिए जितनी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महत्वपूर्ण है उतनी ही राधाष्टमी महत्वपूर्ण है। ब्रजवासियों का तो यहां तक कहना है कि राधारानी उनकी अर्जी जल्दी ही सुन लेती हैं। वैसे तो ब्रज के अधिकांश मंदिरों में राधाष्टमी जोश खरोश से मनाई जाती है किंतु बरसाना, रावल एवं वृन्दावन में यह पर्व बहुत जोश खरोश से मनाया जाता है। रावल में राधारानी की ननिहाल है और राधारानी का जन्म वहीं पर हुआ था जबकि बरसाना राधा की बाल अवस्था की क्रीड़ास्थली है और वृन्दावन में भी उन्होंने श्यामसुन्दर के साथ रासलीलाए की थी। मंदिरों में राधाष्टमी की तैयारियां तेजी से चल रही हैं तथा सरकार के इसमें शामिल हो जाने से इस बार यह पर्व ब्रजभूमि में ऐतिहासिक होगा।
सं तेज
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