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राज्य


कालेज की छात्राए शुक्रवार को रखती है सामूहिक अवकाश

देवबंद सहारनपुर, 14 सितम्बर (वार्ता) यूं तो देश भर में शिक्षा संस्थानों में रविवार को साप्ताहिक अवकाश होता है मगर उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के मुस्लिम बाहुल्य कस्बे देवबंद के विद्यालयों में छात्रायें शुक्रवार को भी कक्षाओं से नदारद रहती हैं।
यह खुलासा आज शुक्रवार को उस वक्त हुआ जब जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय रविदत्त कालेज के औचक निरीक्षण के लिए गोकुलचंद रहती देवी राजकीय कन्या इंटर कालेज पहुंचे। कक्षाओं का मुआयना करने पर उन्होने छात्राओं की बेहद कम उपस्थिति पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य डा. सुषमा देवी से सवाल किया तो उन्हें बताया गया कि कालेज में ज्यादातर छात्राएं मुस्लिम है और उनमें से अधिकांश शुक्रवार को कालेज नहीं आती है।
जिला विद्यालय निरीक्षक रविदत्त ने प्रधानाचार्य और प्राध्यापिकाओं से कहा कि वे सभी छात्राआें को हर रोज कालेज आने के लिये प्रेरित करे और उनके अभिभावकों को भी समझाने का प्रयास करे। कालेज की उर्दू शिक्षक और देवबंद निवासी अजीज फातमा का कहना था कि मुस्लिम छात्राएं जुमे की नमाज अदा करने के बारे में कालेज से अनुपस्थित रहती है और जब उनके अभिभावकों को फोन पर संपर्क कर पूछा जाता है तो वे कोई न कोई बहाना बना देते है।
इस कालेज मे 751 छात्राएं पढती है। आज ज्यादातर कक्षाएं खाली थी क्योंकि अधिकांश मुस्लिम छात्राएं शुक्रवार होने के कारण कालेज से गैर हाजिर थी। प्रधानाचार्य ने बताया कि इन सभी छात्राओं की उपस्थिति के रजिस्ट्रर में गैर हाजिरी लगाई जाती है।
देवबंद मुस्लिम बाहुल्य आबादी का कस्बा है जहां 65 फीसदी मुस्लिम आबादी है। मुस्लिम परिवार अपनी बेटियों को सह शिक्षा वाले स्कूल-कालेजों में नहीं पढाते है। इस कारण देवबंद राजकीय कन्या इंटर कालेज में मुस्लिम छात्राओं की बहुलता है।
जिला विद्यालय निरीक्षक रविदत्त ने बताया कि कालेज के मैदान, प्रांगण और कक्षाएं काफी निचाई पर है जिसके कारण बरसात के दिनों में जलभराव हो जाता है उसका असर कालेज भवन और कक्षों पर पडा है। पानी को कालेज परिसर मे घुसने से रोकने के प्रभावी कदम उठाए जा रहे है। हाल ही में कालेज प्रांगण मे 200 पौधे रौपे गए है। साफ-सफाई को लेकर छात्र और शिक्षक जागरूक है और ऐसा कालेज निरीक्षण में देखने को मिला भी है। इंटर का परिणाम इस साल 96 प्रतिशत और हाईस्कूल का 86 प्रतिशत रहा। एक से कक्षा पांच तक इस कालेज में केवल 31 छात्र ही है।
महिला इंटर कालेज होने के बावजूद वहां गृह विज्ञान विषय की मान्यता नहीं है और इंटर में इस साल पहली बार गणित की मान्यता दी गई है। कालेज में प्रधानाचार्य समेत कई शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे है। इस कालेज की छात्रों की क्षमता 2000 है पर वहां पढते साढे सात सौ छात्र ही है।
सं प्रदीप तेज
वार्ता
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