भोपाल, 14 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हिन्दी भाषा भारत को जोड़ने वाला सूत्र है। मध्यप्रदेश में हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाने और साहित्य को समृद्ध बनाने की परंपरा को जारी रखा जाएगा।
श्री चौहान आज यहां तीन दिवसीय मध्यप्रदेश साहित्योत्सव के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भावना के अनुरूप ग्वालियर में हिन्दी साहित्य सभा के भवन निर्माण के लिए सात करोड़ रुपये देने की घोषणा की। कार्यक्रम में हिन्दी भाषा सम्मान से सात हिन्दी सेवियों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी का एक दिन क्यों हो, हिन्दी का हर दिन होना चाहिए। महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्र बोस जैसे अनेक महापुरुषों ने हिन्दी को भारत को जोड़ने वाली भाषा माना है। दुनिया का हर देश अपनी भाषा में बोलता है। खुद की भाषा में विचारों का प्रकटीकरण जितने अच्छे से होता है। दूसरी भाषा में नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में श्री वाजपेयी के नाम पर हिन्दी विश्वविद्यालय शुरू किया गया है। श्री वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण दिया था। शिक्षा की भाषा हिन्दी होना चाहिये। संकल्प लें कि हिन्दी को व्यवहार में लायेंगे और समृद्ध बनायेंगे। जब अपनी भाषा समृद्ध होगी, तो साहित्य और संस्कृति भी समृद्ध होगी।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव बी पी सिंह ने कहा कि विश्व हिन्दी सम्मेलन 2016 की घोषणा के अनुरूप प्रदेश में हिन्दी अलंकरण दिवस मनाया जा रहा है। जिन साहित्यकारों ने हिन्दी भाषा को गढ़ने का कार्य किया है और अब वे विस्मृत हो गये हैं। उनके साहित्य को प्रकाशित करने का क्रम शुरू किया गया है।
अपर मुख्य सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने साहित्योत्सव की रूपरेखा बतायी। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 22 राज्यों और विदेश से आए साहित्यकार भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय गुरुभक्त सिंह 'भक्त' की समग्र पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में हिन्दी भाषा सम्मान के अंतर्गत वर्ष 2017-18 के लिये सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान डॉ अनुराग सीठा, निर्मल वर्मा सम्मान डॉ रामप्रसाद भट्ट, फादर कामिल बुल्के सम्मान प्रो जियांग जिंगकुई, गुणाकर मुले सम्मान डॉ शिव चन्द्र दुबे और हिन्दी सेवा सम्मान डॉ छबिल कुमार मेहेर को प्रदान किया गया।
सुधीर
वार्ता