राज्यPosted at: Sep 17 2018 12:32PM बिहार-विश्वकर्मा पूजा धूम दो अंतिम पटनाभगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए कई भव्य महलों, आलीशान भवनों, हथियारों और सिंघासनों का निर्माण किया था। इसलिए इन्हें 'देवताओं का शिल्पकार', 'वास्तुशास्त्र के देवता' के नाम से भी जाना जाता है। विश्वकर्मा पूजा घर, दफ्तर और कारखानों में विशेष रूप से मनाई जाती है। वहीं इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, चित्रकारी, वेल्डिंग और मशीनों के काम से जुड़े लोग इस पर्व को खासा उत्साह के साथ मनाते हैं। औद्योगिक क्षेत्रों, कारखानों, लोहे की दुकानों, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर, कम्प्यूटर सेन्टर, हार्डवेयर की दुकानों में विश्वकर्मा भगवान की विधिवत पूजा की जा रही है। विश्वकर्मा पूजा के लिए राजधानी पटना में खास इंतजाम किए गए हैं। विश्वकर्मा भगवान की प्रतिमा स्थापित करने के लिए दर्जनों जगहों पर पंडाल बनाये गये हैं। पंडाल को आकर्षक रूप देने के लिए फूलों के साथ-साथ कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक सजावट के सामान भी लगाये गये हैं । भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों में मूर्तियां स्थापित कर भव्य रूप से सजाया गया है। इसको लेकर दुपहिया और फोर व्हीलर वाहनों के शोरूम को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग नये वाहन खरीदना शुभ मानते हैं। इसके मद्देनजर शोरूम में वाहनों की खरीद पर विशेष छूट की भी पेशकश की गई है। गौरतलब है कि वास्तुशास्त्र के जनक विश्वकर्मा एक अद्वितीय शिल्पी थे। ऐसी मान्यता है कि अपने ज्ञान और बुद्धि के बल पर उन्होंने इन्द्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी, शिवमण्डलपुरी, पुष्पक विमान, कर्ण का कुंडल, विष्णु का चक्र, शंकर का त्रिशूल और यमराज के कालदण्ड के साथ ही सभी देवों के भवनों का निर्माण किया।प्रेम उमेश वार्ता