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राज्य


उत्तर प्रदेश चिकित्सक आक्रोश दो अंतिम लखनऊ

चिकित्सक ने कहा कि यदि राज्य की चिकित्सा सेवायें इसी प्रकार दोहरी व्यवस्था के तहत चलाया जाना जनहित में है तो सभी सेवारत चिकित्सक, सेवा मुक्त होकर उक्त संविदा नियमों के तहत पारितोषिक स्वरूप ढाई लाख रूपये प्रतिमाह के वेतन पर कार्य करने के लिये तैयार है।
डा यादव ने कहा कि 22 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले इस राज्य में दिन रात सेवा करने वाले सरकारी डाक्टरों को अपमान, प्रताड़ना और गुलामी का शिकार बना दिया गया है। कर्तव्यनिष्ठा, कठोर परिश्रम और जीवन भर में अर्जित योग्यता के लिये प्रोत्साहन देने के बजाय संवर्ग के चिकित्सकों के मौलिक अधिकारों तक को दरकिनार कर दिया गया है। ऐसे में दशकों से सेवारत चिकित्सक हताश और कुंठित हैं वहीं नये चिकित्सक नियमित राजकीय सेवा में आने से कतरा रहे है। इसके चलते प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के मृत प्रायः होने का खतरा बढ गया है।
उन्होने कहा कि गैर तकनीकी आधारित नीतियों के चलते पटरी से उतरी चिकित्सा सेवाओ की बदहाली के लिये चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि विभाग में दोहरी-तिहरी अव्यावहारिक और मनमानी व्यवस्थाओं के चलते चिकित्सा सेवायें, अराजकता और दिशाहीनता की तरफ बढ रही हैं। राज्य में सरकार की घोषित प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये जरूरत के मुताबिक एक चौथाई से भी कम चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी उपलब्ध है।
चिकित्सक ने कहा कि अस्सी के दशक में सरकार द्वारा स्वयं निर्धारित जन-स्वास्थ्य के मानक आज तक भी प्राप्त नही किये जा सके हैं। इस वास्तविकता को न केवल दबाया और छुपाया जा रहा है। कई गुना काम के बोझ में दबे स्थाई चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों को स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के लिये जिम्मेदार ठहरा कर निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे हालात में क्षुब्ध होकर चिकित्सक ने आन्दोलन की राह पर जाने फैसला किया है।
संघ के महामंत्री डाॅ0 अमित सिंह ने बताया कि सेवा सम्बन्धी प्रकरणों तथा चिकित्सा सेवाओं के प्रभावी बनाने के लिये संगठन लगातार सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है लेकिन, प्रभावी कार्यवाही के नाम पर प्रगति, बेहद निराशाजनक है। प्रोन्नति समेत अन्य लम्बित मामलों को लेेकर तथा साॅतवे वेतन आयोग के क्रम में प्रैक्टिस बन्दी भत्ते सहित अन्य भत्तों के अभी तक प्रदान नही किये जाने से पूरा संवर्ग आक्रोशित है।
प्रदीप
वार्ता
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