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राज्य


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श्री रावत ने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मतदान केंद्र पर लगने वाली मतदाताओं की पंक्ति को सीमित रखने एवं अन्य मतदाताओं के लिए प्रतीक्षा कक्ष की व्यवस्था करने की भी मांग की गई। इसके अलावा प्रस्तावित प्रतीक्षा कक्ष में सुझाव एवं शिकायत पेटी रखवाने की मांग की। इसी तरह संवेदनशीन मतदान केंद्रों के लिए विशेष व्यवस्था करने की भी मांग की गई। इसमें यह भी मांग की गई कि कमजोर तबके के लोगों के मताधिकार का किसी भी प्रकार से हनन ना हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि धरना एवं प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकारों पर आदर्श आचार संहिता के नाम पर कोई पाबंदी नहीं लगाने, निर्वाचन आयोग द्वारा सभी नियमों एवं नियामकों का सख्ती से पालन कराने, खंभो/ सडकों पर राजनीतिक दलों के झंडों, बैनरों एवं अन्य प्रचार सामग्री को लगाने से रोकने, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं करने और ऐसा पाया जाने पर सख्ती से कार्यवाही करने तथा सरकारी लाभार्थी सम्मेलन और जियो भामाशाह डिजिटल योजना पर पाबंदी की मांग की गई। कुछ राजनीतिक दलों ने बैलट पेपर द्वारा मतदान कराने की मांग भी की। इस दौरान पेड न्यूज और फेक न्यूज पर प्रभावी नियंत्रण करने मांग भी की गई।
उन्होंने बताया कि आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव कार्यक्रम के संबंध में दिये सुझावो आयोग ने नोट कर लिया हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों की चिंताओं और सुझावों के मद्देनजर उन्हें पूर्णतया आश्वस्त किया कि आयोग प्रदेश में स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण एवं समावेशी चुनाव सम्पन्न करने के लिए कृत संकल्प है। आयोग द्वारा राज्य की चुनावी मशीनरी को निर्देशित किया गया कि प्रभावी निगरानी एवं सर्तकता बरतते हुए सघन कार्ययोजना बनाकर प्रत्येक स्तर पर राजनीतिक दलों की चिंताओं का समाधान करते हुए आम मतदाता में पूर्ण विश्वास पैदा करते हुए चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराई जाए।
आयोग ने यह भी निर्देशित किया कि स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण और पारदर्शी निर्वाचन के लिए संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के तहत ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे प्रत्येक मतदाता द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी भय, दबाव अथवा प्रलोभन के प्रभाव के बिना किया जा सके। उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों को त्रुटिहीन बनाने के लिए चुनाव आयोग कृत संकल्पित है। जहां कहीं डुप्लीकेट नामों की शिकायत मिलेगी, उनका भौतिक सत्यापन करने के बाद नाम केवल उचित प्रक्रिया के अनुसार ही काटे जा सकेंगे और वे भी जिला निर्वाचन अधिकारी की सीधी निगरानी मे होगा। इसके साथ ही सभी काटे गए नाम पोलिंग स्टेशन पर दर्शाये जाए।
आयोग ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिये कि 27 सितंबर को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद छुट्टियों के दौरान तीन दिन तक विशेष मतदाता शिविर आयोजित किए जाए जिससे छूटे हुए लोग अपना नाम जुड़वा सकें अथवा सूची में पाई त्रुटियों का परिमार्जन सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपैट और ईवीएम एम-3 मशीनों के जरिए मतदान कराया जाएगा। इस नई तकनीक से मतदान सुगम, सहज होने के साथ ही और अधिक पारदर्शी एवं निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराया जा सकेगा ताकि लोकतंत्र के इस महोत्सव के प्रति किसी के मन में कोई शंका नहीं रहे।
जोरा
वार्ता
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