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बरेली में ताजिये दफन को लेकर 3400 लोगों को रेड कार्ड जारी

बरेली में  ताजिये दफन को लेकर 3400 लोगों को रेड कार्ड जारी

बरेली,19 सितम्बर(वार्ता) उत्तर प्रदेश में बरेली में इक्कीस सितम्बर को दस मुहर्रम यानि यौम-ए-आशूरा के दिन ताजिये दफन पर सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर 3400 लोगों को रेड कार्ड जारी किया है।

पुलिस और प्रशासनिक अधिकरी जिले के संवेदनशील गांवों की तरफ कॉम्बिंग कर रहे हैं। सांप्रदायिक तनाव कम

करने के लिए जिले में 3400 लोगों को रेड कार्ड जारी किया गया है। सकुशल ताजिया दफ़न को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में आम सहमति बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान विरोध होने से नाराज

दूसरा पक्ष अड़ा है। जिले का बिथरी चैनपुर को अति संवेदनशील माना जा रहा है। कांवड़ यात्रा के दौरान बिथरी चैनपुर के खजुरिया ब्राह्मणान और उमरिया में अच्छा खासा विवाद हुआ था। स्थानीय भाजपा विधायक राजेस्क मिश्रा को नजरबन्द किया गया था। एक जाति विशेष के विरोध के चलते कांवड़ यात्रा उमरिया होकर नहीं निकलने दी गई थी। अब मुहर्रम का महीना आया तो खजुरिया के ग्रामीण ताजिये गांव के रास्ते से निकलने देने को तैयार नहीं हैं। आसपास के गांवों से भी कुछ ऐसे ही स्वर आ रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में अर्ध सैनिक बल संवेदनशील गांवों में गश्त कर रहा है।

जिले के बिथरी चैनपुर. फरीदपुर, बहेड़ी तहसील क्षेत्र संवेदनशील है।

बरेली के एसपी ग्रामीण डा सतीश कुमार ने बताया की ग्रामीण क्षेत्र में 2000 लोगों को रेड कार्ड दिया गया है। रेड कार्ड में हिदायत है की वह पुलिस के रडार पर हैं यदि कहीं पर गड़बड़ी हुयी तो सख्त करवाए होगी ।

एसपी सिटी अभिनन्दन सिंह शहर में 1400 लोगों को रेड कार्ड तामील कराया गया है। गत रात को कुछ लोगों ने जानबूझ कर बरेली शहर में माहौल खराब करने की कोशिश की। तयशुदा रास्ते को छोड़कर दूसरे जगह से तख्त निकाल लिया। एसपी सिंह की शिकायत के बाद तख्त निकालने वालों के खिलाफ प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

एडीजी पुलिस प्रेम प्रकाश ने विधायक राजेश मिश्रा के साथ 21 सितंबर को कलारी से ताजिये का जुलूस निकलकर उमरिया तक जाने को लेकर बातचीत की लेकिन रास्ते में खजुरिया के लोगों ने जुलूस गांव से न निकलने देने का

एेलान कर दिया है। विधायक पप्पू भरतौल ने एडीजी को बताया कि जहां ताजिये दफन होते हैं वहां नदी के कटान के कारण इतनी जगह नहीं है कि मेला लग सके या ताजिये दफन हो सके। विधायक ने बताया कि गांव के लोग सावन माह में कांवड़ यात्रा न निकाले जाने को लेकर गुस्से में हैं। विधायक ने सुझाव दिया कि हाईवे से ताजिये को निकाला जा सकता है लेकिन, इस पर मुस्लिम पक्ष राजी नहीं है।

सं तेज

वार्ता

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