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राज्य


बारिश से किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें

सिरसा, 22 सितम्बर(वार्ता) मॉनसून के जाते-जाते अपने तेवर दिखाने से हरियाणा किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। राज्य के पूर्वी छोर से शुक्रवार शाम से चली हवाओं के बाद आज तड़के बारिश होने से किसानों को पकने के कागार पर पहुंची अपनी फसलों की चिंता सताने लगी है।
राज्य के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी जिलों में ग्वार, मक्का, बाजरा और नरमा की फसल पूरे पकाव पर हैं। बारिश का इन फसलों पर खराब प्रभाव होगा बल्कि उत्पादन भी प्रभावित होगा। आकाश में बादलों के घुमड़ने से किसानों को उनकी मेहनत पर पानी फिरने चिंता सता रही है। बारिश के कारण खेतों में ग्वार, मक्का और बाजरा कटाई के साथ नरमा -कपास चुगाई का काम ठप्प हो गया है।
उत्तर भारत में सर्वाधिक कपास राज्य के सिरसा जिले में होती है। सिरसा की कपास का रेशा अच्छा होने के कारण विदेशों विशेषकर पाकिस्तान में इसकी खूब मांग रहती है। बारिश से कपास की गुणवत्ता और वजन दोनों पर ही विपरीत असर होता है और इसी वजह से किसान परेशान हैं। सिरसा में इस बार कपास की अच्छी फसल है लेकिन बारिश से इस पर ग्रहण लग सकता है। खेतों में कपास की चुगाई आरम्भ हो चुकी है। राज्य में धान की फसल पर बूर आया हुआ है लेकिन बारिश और हवा के कारण इसे नुकसान हो सकता है और इससे झाड़ भी प्रभावित होने की आशंका है।

कृषि विभाग के उप-निदेशक बाबू लाल ने बताया कि बारिश का धान, बाजरा, गवार, कपास की फसल पर ज्यादा प्रभाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि सिरसा जिले में लगभग दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र में कपास की फसल खड़ी है और बारिश होने से इसकी गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
सं.रमेश1735
वार्ता
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