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राज्य


दो दिन की वर्षा से गुजरात में मानसून के औसत में ढाई प्रतिशत का इजाफा

गांधीनगर, 24 सितंबर (वार्ता) कम वर्षा के कारण कई क्षेत्रों में सूखे की आशंका झेल रहे गुजरात में मानसूनी बारिश के नवीनतम और संभवत: इस सत्र के आखिरी दौर से मात्र दो दिनों में राज्य के कुल औसत में करीब ढाई प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
इसके साथ ही वर्षा की कमी वाले उत्तर गुजरात और पूर्व मध्य गुजरात में भी औसत में लगभग पांच प्रतिशत की बढोत्तरी दर्ज की गयी है।
आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य के औसत में दो दिनों में 2.41 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। मानसून के अंतिम दौर में इसके लंबे विराम के बाद पिछले 48 घंटों में हुई वर्षा से उत्तर गुजरात में गत 22 सितंबर के 42.94 प्रतिशत की तुलना में औसत बढ़ कर 47.83 प्रतिशत और पूर्व मध्य गुजरात में 66.94 से बढ़ कर 71.54 प्रतिशत हो गया है।
अब तक सर्वाधिक वर्षा वाले दक्षिण गुजरात में भी यह एक प्रतिशत से अधिक (95.14 से 96.34) बढ़ा है। हालांकि सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में कोई वर्षा नहीं होने से यह औसत दो दिन पूर्व के स्तर पर ही यानी क्रमश: 72.76 और 25.51 प्रतिशत पर ही है। राज्य में कुल औसत 74.16 से बढ़ कर 76.57 प्रतिशत हो गया है।
नवीनतम वर्षा से मध्य और उत्तर गुजरात के कई जलाशयों और नदियों में उफान भी दिख रहा है।
वैसे ओड़िशा में हाल में आये तूफान दाये के असर से बने निम्न दबाव के कारण हुई इस वर्षा के बाद अब मानसून के एक बार फिर और संभवत: इस साल के लिए गुजरात में अंतिम विराम लेने की संभावना है। राज्य में मानसून की वापसी की सामान्य तिथि 15 सितंबर ही है पर पिछले कई वर्षों से यह विलंब से हो रहा है।
पिछले 24 घंटे में राज्य के 16 जिलों के 67 तालुका में वर्षा दर्ज की गयी जिसमें से सर्वाधिक 145 मिलीमीटर साबरकांठा के हिम्मतनगर में हुई।
रजनीश
वार्ता
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