लखनऊ, 02 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को राजभवन में डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन द्वारा रचित हिन्दी कविता संग्रह ‘तीन तलाक’ का विमोचन किया।
प्रदेश के सार्वजनिक उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन की यह 15वीं कृति है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल हेमन्त राव, पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार, अवकाश प्राप्त आई0ए0एस0 अधिकारी आर0 रमणी, मिराज हैदर, सुश्री फरहत नकवी व अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने डाॅ0 जगनमोहन का अभिनन्दन करते हुये कहा कि तमिल भाषी होते हुये भी हिन्दी में रचना करना उनकी विशेषता है। डाॅ0 जगनमोहन का व्यक्तित्व बहुआयामी है। उन्होंने तमिल, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में रचनाएं की है तथा उन्हें अनेकों सम्मान भी प्राप्त हैं। राज्यपाल ने कहा कि आई0ए0एस0 अफसरों के पास बहुत काम होता है, व्यस्तता के बीच समय निकालना बड़ी बात है।
उन्होंने माहौल को हल्का करते हुये कहा कि उनके पास सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की शिकायतें आती है कि वे काम नहीं करते, पर डाॅ0 पी0वी0 जगनमोहन अपना दायित्व पूरी जिम्मेदारी से निभाते हैं इसलिये उनकी अभी तक कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है।
श्री नाईक ने कहा कि पुस्तक का शीर्षक ‘तीन तलाक’ अर्थपूर्ण है जिसे देखते ही पुस्तक को लोग पढ़ना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि कविता संग्रह का अन्य भाषाओं में भी अनुवाद होना चाहिए।
डाॅ0 जगनमोहन ने कहा कि हिन्दी एकमात्र भाषा है जो देश को एकता के सूत्र में बांध सकती है। एक साल आठ माह पूर्व जब पूरे देश में ‘तीन तलाक’ का मुद्दा एक ज्वलंत मुद्दा था तो इस मुद्दे को लेकर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक मुद्दों पर जो समाज पर असर डालते हैं उनको उन्होंने कविता के रूप में अपने संग्रह में प्रस्तुत किया है।
इस अवसर पर श्री हैदर एवं सुश्री फरहत नकवी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।