राज्यPosted at: Jan 31 2019 8:32PM सहकारी बैंकों ने ‘छोटे लोगों का बड़ा बैंक‘ के रूप में बनाई साखः रूपाणीहिम्मतनगर, 31 जनवरी (वार्ता) गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुरुवार को कहा कि सहकारी बैंकों ने ‘छोटे लोगों का बड़ा बैंक‘ के रूप में साख बनायी है।श्री रूपाणी ने गुरुवार को साबरकांठा जिले के इडर में “द इडर नागरिक सहकारी बैंक“ के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि इस बैंक की स्थापना 1969 में हुई थी। 16,580 सभासदों और 262 लाख रुपए की शेयर पूंजी वाला यह सहकारी बैंक ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग की सेवाएं भी उपलब्ध कराता है। पूरे देश में एकमात्र गुजरात ने ही उद्योग और सहकारिता दोनों ही क्षेत्रों मे अग्रणी होने का गौरव हासिल किया है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र ने अब “छोटे लोगों का बड़ा बैंक“ के रूप में विस्तृत होकर अपनी अनोखी साख बनाई है। समान उद्देश्य के लिए सामूहिक प्रयासों के कारण की जाने वाली सहकारी वृत्ति-प्रवृत्ति सर्वग्राही विकास के मूल में है और यही भावना सामुदायिक विकास से सबका साथ-सबका विकास के मंत्र को साकार करती है।इस मौके पर उन्होंने सर प्रभात हाईस्कूल में 50 लाख रुपए की लागत से निर्मित जूडो हॉल का लोकार्पण भी किया। उन्होंने इडर वृद्ध, अशक्त और बीमार पशुओं को रखने का आश्रम (पांजरापोल) का दौरा किया और गो माता को घासचारा भी खिलाया। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा के वातावरण में सक्षम स्थिति का निर्माण किया है, इसकी जड़ों में सामान्य आदमी और खातेदार की सेवा भावना निहित है।कांग्रेस के शासनकाल में सहकारी बैंकों की कमजोर स्थिति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि तब बैंकों के दिवालिया होने के समाचार आते थे, लेकिन भाजपा की सरकार ने सहकारी बैंकिंग के क्षेत्र में विश्वास, पारदर्शिता और भरोसे की स्थिति का निर्माण किया है। इसके परिणाम स्वरूप राज्य की सहकारी बैंकों में लोगों का भरोसा पुनर्स्थापित हुआ है। इडर सहकारी बैंक का जिक्र करते हुए श्री रूपाणी ने कहा कि अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण करने वाले इडर सहकारी बैंक की निरंतर सुचारू सेवा में निःस्वार्थ सेवा का भाव नजर आता है। अपनी जीवनभर की पूंजी जमा करने वाले खातेदारों का विश्वास बनाए रखने का काम बैंक ने भली भांति किया है जो प्रशंसनीय है। दुनिया के उद्यमियों के लिए वैश्विक मंच साबित हुई वाइब्रेंट गुजरात समिट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात के विकास और वाइब्रेंट गुजरात का विरोध करने वाले सुन लें कि गुजरात ने विकास के मंत्र को साकार किया है और समूचा विश्व भी उसे स्वीकृति दे रहा है।उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के अनेकांत, अपरिग्रह और अहिंसा के तीन आधार स्तंभों को स्वीकार कर दिव्य गुजरात का निर्माण करना है। सभी जीवों की रक्षा, 96 तहसीलों में पांजरापोल और गौशाला को सब्सिडी देने की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य का कोई भी गरीब भूखा न सोये, इसके लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है।अनिल.श्रवण वार्ता