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राज्य


अंतरिम बजट में सबके लिए कुछ न कुछ - मुख्यमंत्री

गांधीनगर, 01 फरवरी (वार्ता) गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने केंद्रीय वित्त पीयूष गोयल द्वारा पेश अंतरिम बजट को स्पष्ट नीति, साफ नीयत और अटल निष्ठा के ध्येय के साथ देश के विकास का पथप्रदर्शक बजट करार दिया है।
उन्होंने कहा कि किसान, ग्रामीण आबादी, असंगठित क्षेत्र के कामगार, युवा, महिला और ईमानदार करदाताओं सहित सभी के लिए इस बजट में कुछ न कुछ लाभ एवं राहत का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नया भारत के निर्माण की नींव प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस सरकार ने रखी है।
श्री रूपाणी ने इस बजट में मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा करदाताओं के लिए आयकर सीमा को पांच लाख रुपए करने की घोषणा को महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि तीन करोड़ लोगों के लिए लाभदायी इस घोषणा के साथ ही मकान सहित की आय और टीडीएस में छूट आदि भी आम आदमी के लिए अच्छा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना शुरू करने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गुजरात के भी 36 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में सूखाग्रस्त 96 तहसीलों के किसानों को राज्य सरकार की राहत सहायता के साथ अब इस योजनाक के तहत छह हजार रुपए की सहायता भी नियमानुसार मिलेगी।
श्री रूपाणी ने मत्स्य पालन को अधिक प्रोत्साहन देने के लिए अलग मत्स्योद्योग विभाग शुरू करने तथा गोवंश के जतन-संवर्धन तथा नस्लीय सुधार के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की घोषणा को भी कृषि व पशुपालन क्षेत्र के लिए अहम करार दिया।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों-श्रमिकों के कल्याण तथा 60 वर्ष की उम्र के बाद उन्हें मासिक तीन हजार रुपए पेंशन देने की प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना एक क्रांतिकारी कदम है। इसमें 10 करोड़ छोटे कामगारों का समावेश किया गया है। उनको नयी पेंशन स्कीम में सरकार के योगदान को 4 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने तथा ग्रेच्युटी लिमिट भी 20 लाख रुपए करने की घोषणा का उन्होंने स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने डिजिटल इंडिया के संकल्प को ग्रामीण स्तर तक ले जाने के लिए पांच वर्ष में 1 लाख गांवों को डिजिटल गांव बनाने तथा देश की सुरक्षा के लिए पहली बार किसी भी सरकार द्वारा 3 लाख करोड़ रुपए के रक्षा बजट आवंटन को केंद्र सरकार की संवेदनशीलता बताया।
उन्होंने एससी, एसटी के कल्याण योजना के बजट में 25 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी को सामाजिक सुधार का अनूठा कदम करार दिया। श्री रूपाणी ने आंगनबाड़ी बहनों के वेतन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी तथा गर्भवती माताओं
के लिए पीएम मातृ योजना तथा 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश जैसे कदमों को महिला सशक्तिकरण का द्योतक बताया।
रजनीश
वार्ता
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