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राज्य


हाई कोर्ट ने तलाला सीट पर उपचुनाव की घोषणा में उतावलेपन के लिए चुनाव आयोग को लगायी झिड़की

अहमदाबाद, 25 मार्च (वार्ता) गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य की तलाला विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा के मामले में उतावलापन दिखाने के लिए चुनाव आयोग को आज झिड़की लगायी।
गत एक मार्च को गिर सोमानाथ जिले की सूत्रापाड़ा की एक अदालत ने 1995 में चूना पत्थर खनिज की चोरी से जुड़े एक मामले में तलाला के कांग्रेसी विधायक भगवान बारड़ को दाे साल नौ माह की कैद की सजा सुनायी थी। हालांकि उन्हें जमानत मिल गयी थी और बाद में वहां की एक ऊपरी सत्र अदालत ने इस सजा पर रोक लगा दी थी।
विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने पांच मार्च को भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 के प्रावधान के तहत दो साल से अधिक सजा के चलते उन्हें अयोग्य ठहरा दिया था। चुनाव आयोग ने 14 मार्च को राज्य की 26 लोकसभा सीटों के चुनाव के साथ ही तलाला में भी 23 अप्रैल को उपचुनाव कराने की घोषणा कर दी थी।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस आर ब्रह्मभट्ट की अदालत ने श्री बारड की ओर से उनकी अयोग्यता को चुनौती देते हुए दायर की गयी अर्जी पर सुनवाई के दौरान आयोग से पूछा कि उसने उपचुनाव की घोषणा में इतनी उतावली क्यों दिखायी। इसने आयोग से प्रक्रियागत मामले में भी कई सवाल पूछे और यह भी कहा कि उसने अब तक अपना जवाब हलफनामे पर क्यो नहीं दिया है।
कल आयोग के यह शपथ पत्र दायर करने की संभावना है जिसके बाद इस मामले में आगे सुनवाई होगी। ज्ञातव्य है कि हाई कोर्ट की एक अन्य जज न्यायमूर्ति सोनिया गोकाणी की अदालत ने कुछ दिनो पहले राज्य सरकार की एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए श्री बारड की सजा पर सत्र अदालत की रोक को यह कहते हुए हटा दिया था कि इसके लिए आदेश में कोई कारण नहीं दशार्या गया था।
रजनीश
वार्ता
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