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चीन के उद्योगों ने गुजरात को दूसरा घर बनाया :रूपाणी

अहमदाबाद, 07 जून (वार्ता) गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शुक्रवार को कहा कि चीन के उद्योगों ने गुजरात को अपना दूसरा घर बनाया है।
श्री रूपाणी ने शुक्रवार को यहां चीन (गुआंगडोंग)–भारत (गुजरात) इकोनॉमिक एंड ट्रेड कोऑपरेशन कॉन्फ्रेंस-2019 का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत और चीन दोनों ही देश महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। वहीं, भारत के राज्यों में सबसे तेज गति से विकास कर रहे गुजरात का अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों में अहम रोल रहा है। चीन के गुआंगडोंग प्रांत के वाणिज्य विभाग तथा गुजरात सरकार के औद्योगिक विस्तार ब्यूरो एवं भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की) की गुजरात शाखा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में चीन के अग्रणी उद्योग संचालकों सहित गुआंगडोंग प्रांत के शीर्ष राजनेता शिरकत कर रहे हैं। भारत-चीन संबंधों और उसमें गुजरात की विशेष भूमिका पर रोशनी डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया की कुल आबादी का एक तिहाई हिस्सा इन दोनों देशों में बसता है। दोनों देशों के पास युवा शक्ति की ताकत है। ऐसे में, सातत्यपूर्ण एवं सर्वसमावेशक विकास-पथ पर आगे बढ़ने की दिशा सुनिश्चित करनी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण पर चीन के राष्ट्रपति गुजरात के मेहमान बने थे। इस तरह परस्पर भागीदारी के एक नए युग की शुरुआत हुई थी। इसी कड़ी में गुजरात और गुआंगडोंग के बीच सिस्टर स्टेट तथा अहमदाबाद एवं ग्वांगझू के बीच सिस्टर सिटी के संबंध विकसित करने के लिए करार हुआ था। गुजरात में बिजनेस फ्रेंडली माहौल और भविष्य की शानदार योजनाएं हैं। 48 पोर्ट और 17 एयरपोर्ट के बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विश्व के महत्वपूर्ण शहरों और वाणिज्यिक केंद्रों के साथ कनेक्टिविटी की सहूलियत गुजरात को विश्व व्यापार का केंद्र बनाती है।
उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की निरंतर सफलता तथा 19 विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड-सेज),आठ विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर-सर) के अलावा 200 से अधिक औद्योगिक बसावटों के चलते गुजरात अब ऑटो हब व मैन्यूफेक्चरिंग हब बन गया है। वर्ष 2016 और 2018 में वाइब्रेंट समिट से पहले गुजरात के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के चीन दौरे और चीनी प्रतिनिधिमंडल के गुजरात दौरों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दौरों से द्विपक्षीय संबंधों का सेतु जहां मजबूत बना है, वहीं दोनों प्रदेशों के बीच औद्योगिक एवं व्यापारिक सहयोग तथा शिक्षा, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र के सहयोग को भी गति मिली है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि चीन की अनेक कंपनियों और उद्योगों ने यहां अपना कारोबार और प्लांट शुरू कर गुजरात को अपना दूसरा घर बनाया है। उन्होंने कहा कि ये सभी बातें और परस्पर भागीदारी की उत्सुकता इस बात की परिचायक हैं कि गुजरात और चीन विशेषकर गुआंगडोंग प्रांत के साथ सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मजबूत भागीदारी स्थापित हुई है। भारत की कुल आबादी के पांच फीसदी हिस्से वाले गुजरात का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आठ फीसदी और निर्यात में 22 फीसदी का योगदान है। इतना ही नहीं, कारोबारी सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के मामले में गुजरात देश के शीर्ष पांच राज्यों में शुमार है। इतनी विशेषताओं के साथ गुजरात भारत के अन्य राज्यों की तुलना में विदेशी राज्यों व देशों के साथ संबंध स्थापित करने में आगे रहा है। उसी तरह, गुजरात का सिस्टर स्टेट चीन का गुआंगडोंग प्रांत भी चीन के आर्थिक और औद्योगिक विकास का पावर हाउस माना जाता है। उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि यह भागीदारी आगामी दिनों में न केवल दोनों प्रदेशों बल्कि दोनों देशों के लिए भी अत्यंत लाभदायी साबित होगी।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की केन्द्रीय समिति के पॉलित ब्यूरो के सदस्य और सीपीसी की गुआंगडोंग प्रांत समिति के पार्टी सचिव श्री ली शी ने कहा कि भारत और चीन के बीच वर्षों से महत्वपूर्ण व्यापार-वाणिज्य संबंध रहे हैं। गुआंगडोंग प्रांत और गुजरात के बीच हुए एमओयू के तहत अनेक परियोजनाएं गुजरात में सफलतापूर्वक क्रियान्वित हुई हैं। उन्होंने कहा कि हम गुजरात के साथ अधिक से अधिक व्यापारिक संबंध विकसित करने को आतुर हैं। उन्होंने आकांक्षा व्यक्त की कि दोनों प्रदेशों के बीच के ये संबंध नये क्षितिज को छूएं।
फिक्की के गुजरात राज्य परिषद के चेयरमैन दीपक मेहता ने कहा कि इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल, केमिकल और खाद्य संस्करण के क्षेत्र में भारत और चीन के बीच अहम व्यापारिक लेन-देन है। गुआंगडोंग चीन का तेजी से विकसित हो रहा प्रांत है। चीन की पांच फीसदी आबादी वाले इस राज्य का चीन की जीडीपी में 10 फीसदी का योगदान है। उन्होंने कहा कि 500 वर्ष पहले भी चीन के साथ रेशम मार्ग (सिल्क रूट) के जरिए व्यापार होता था, जिसे आज दोबारा नया स्वरूप दिया जा रहा है।
श्री मेहता ने कहा कि भारत-चीन के बीच आगामी दो वर्ष में 100 अरब डॉलर के व्यापार की गुंजाइश है। इस मौके पर उन्होंने डब्ल्यू.टी.जी (वे टू गुजरात) का नया मंत्र अपनाने का उपस्थित लोगों से आह्वान किया। गुआंगडोंग प्रांत के वाणिज्य विभाग के उप महानिदेशक श्रीयुत मा हुआ ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव डॉ. जे एन सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, प्रधान सचिव एम के दास, मुकेश पुरी, श्रीमती डी.थारा, जयप्रकाश शिवहरे, राजकुमार बेनीवाल, चीनी शिष्टमंडल के झेंग यांशिंग, गुआ एजोउ, चीन के भारत स्थित राजदूत श्रीयुत लुओ झाओहुई तथा चेन रुगनी सहित भारत-चीन व्यापारी महामंडल के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
अनिल.श्रवण
वार्ता
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