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राज्य


आज देर रात या कल तड़के तक गुजरात तट से टकरायेगा वायु, ट्रेन, बस और हवाई सेवाएं रद्द

गांधीनगर, 12 जून (वार्ता) अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान वायु ने और गंभीर स्वरूप धारण कर लिया है और इसके पूर्व में अनुमानित की तुलना में और अधिक तीव्रता से गुजरात के सौराष्ट्र के निकट आज मध्य रात्रि के बाद या कल सुबह जमीन से टकराने (लैंडफॉल) की संभावना है।
यह दोपहर तक वेरावल तट से लगभग 300 किमी दक्षिण में स्थित था और 18 किमी प्रतिघंटे की गति से गुजरात की ओर बढ़ रहा था। इसके प्रभाव से गुजरात के तटवर्ती क्षेत्र के मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। समुद्र में ऊंची लहरे उठ रही हैं जबकि तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं बह रही हैं। कहीं कही बरसात भी शुरू हो गयी है। हिंद महासागर के तट पर स्थित विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भी दोपहर को धूल की आंधी में घिर गया गया था।
अहमदाबाद मौसम केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने आज यूएनआई को बताया कि अब इसने अति गंभीर च्रकवाती तूफान का स्वरूप ले लिया है। यह पोरबंदर से महुवा के बीच वेरावल के आसपास गुजरात तट से टकरायेगा। उस समय इसकी गति पूर्व के अनुमानित 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा की तुलना में और अधिक 145 से 155 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है तथा इसके साथ कभी कभी पवन की गति 175 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जायेगी।
इस बीच इसके मद्देजनर तटवर्ती जिलों व्यापक एहतियाती उपाय किये गये हैं। तटवर्ती 11 जिलों के स्कूलों में आज और कल अवकाश की घोषणा कर दी गयी है। तटवर्ती क्षेत्रों की सभी बस, रेल और विमान सेवाएं भी रद्द कर दी गयी हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी स्वंय स्थिति पर करीबी नजर बनाये हुए हैं और राज्य तथा केंद्र सरकार समन्वय के साथ काम कर रही है। सभी प्रभारी मंत्रियों को उनके जिलों में रहने की ताकीद की गयी है। इसके अलावा सभी सरकारी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं। हजारों की संख्या में मछुआरों की नौकाएं वापस लौट आयी हैं जबकि घोघा और दहेज के बीच खंभात की खाड़ी में चलने वाली रो रो फेरी सेवा को कल से तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
लगभग 408 तटवर्ती गांवों ओर निचले इलाकों से लोगों को स्थानांतरित करने का काम आज सुबह शुरू हो गया है। कुल लगभग तीन लाख लोगों को शाम तक स्थानांतरित किया जायेगा। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के तीनों अंगों को भी तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ की तीस से अधिक टुकड़ियां इन इलाको में तैनात हैं। स्थानांतरण के काम में बसों के अलावा तीन रेल गाड़ियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। तटवर्ती इलाकों में लाउडस्पीकर के जरिये भी चेतावनी दी जा रही है। इसके अलावा एसएमएस और व्हाट्सएैप के जरिये भी लोगों को सतर्क किया जा रहा है। तूफान के मद्देनजर तटवर्ती इलाकों में भारी वर्षा की आशंका भी व्यक्त की गयी है। समुद्र तटों पर लोगों को नहीं जाने की सलाह दी गयी है। उधर तटवर्ती इलाकों समेत राज्य के कई स्थानों पर आज बादलयुक्त वातावरण हैं और कई स्थानों पर बूंदाबांदी भी हुई है। समुद्र तट पर ऊंची लहरे उठ रही हैं। तटरक्षक दल के कमांडर नवतेज सिंह ने बताया कि अगले 50 से 60 घंटे गुजरात के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान सबको सतर्क रहने की जरूरत है। यह तूफान कल वेरावल तट से होकर शुक्रवार को द्वारका पहुंचेगा और फिर राज्य से दूर निकल जायेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले दो बार ऐसे तूफानों की चेतावनी अंत में फुस्स साबित हुई थी। वर्ष 2014 के अक्टूबर में नीलोफर तूफान और 2017 दिसंबर में ओखी तूफान गुजरात तट से टकराते समय महज निम्न दबाव के मामूली क्षेत्र में तब्दील हो गये थे। इनसे कोई नुकसान नहीं हुआ था जबकि इससे पहले इनसे निपटने के लिए व्यापक तैयारी की गयी थी और सेना के तीनो अंगों को भी तैयार रखा गया था।
रजनीश
वार्ता
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