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जाति प्रमाण पत्र के मामले में भाजपा विधायक देशराज को नोटिस जारी

जाति प्रमाण पत्र के मामले में भाजपा विधायक देशराज को नोटिस जारी

नैनीताल, 02 जुलाई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झबरेड़ा (हरिद्वार) के विधायक देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाणपत्र के मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विधायक को नोटिस जारी किया।

अदालत ने हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपेन्द्र चौधरी को उन्हें नोटिस तामील कराने के निर्देश दिये हैं।

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में हुई। इससे पहले सरकार की ओर से आज अदालत को बताया गया कि झबरेड़ा के विधायक के जाति प्रमाण पत्र का मामला जांच समिति (स्क्रूटनी कमेटी) के पास निस्तारण के लिये गया है। जांच समिति की ओर से इसे अंतिम रूप से निस्तारित नहीं किया गया है। कमेटी की बैठक आगामी 16 जुलाई को होनी तय है।

इस मामले को स्थानीय निवासी विपिन तोमर की ओर से चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि श्री कर्णवाल ने अनुसूचित जाति से संबंधित प्रमाण पत्र गलत ढंग से प्राप्त किया गया है। विधायक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं जबकि प्रमाण पत्र उत्तराखंड से संबंधित है। जांच समिति की ओर से भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। इससे पहले अदालत ने विगत 24 जून को सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस मामले की वास्तविक रिपोर्ट आज अदालत के समक्ष पेश करे।

भाजपा विधायक ने कहा कि उनके खिलाफ उठाया गया यह कदम राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पिछले 15 वर्ष से उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें 2005 में स्थानीय तहसील से विधिवत् रूप से अनुसूचित जाति से संबंधित प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

श्री कर्णवाल ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों सरकार से आग्रह करता हूं कि वे इस बात का निर्धारण करें कि वे किस राज्य के निवासी हैं और मेरा जाति प्रमाण पत्र सही है या नहीं। उन्होंने कहा कि यदि दोनों ऐसा नहीं करते हैं तो मैं इस मुद्दे को उच्च न्यायालय में चुनौती दूंगा। उन्होंने आगे कहा कि वे 2005 से 2010 तक हरिद्वार के जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। साथ ही 1995 से 1997 तक हरिद्वार गवर्निंग कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं।

हरिद्वार निवासी मांगे राम की ओर से उनके जाति प्रमाण पत्र पर सवाल उठाये गये हैं। मामला जांच कमेटी के पास है। जांच कमेटी की बैठक 16 जुलाई को निर्धारित है। जांच कमेटी इस मामले में दूध का दूध व पानी का पानी करेगी।

भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ 2007 से ही राजनीतिक षड्यंत्र किये जा रहे हैं। उनके राशन कार्ड और परिवार रजिस्टर के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके राजनीतिक भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की गयी। इस संबंध में उन्होंने चार लोगों के खिलाफ एक मामला भी हरिद्वार में दर्ज कराया था लेकिन पुलिस ने राजनीतिक प्रभाव के चलते आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की। इसके बाद उन्हें इस मामले में उच्च न्यायालय का सहारा लेना पड़ा और उच्च न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक को पूरे मामले में रिपोर्ट देने के निर्देश दिये हैं।

रवीन्द्र, उप्रेती

वार्ता

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