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राज्य


वडोदरा में बाढ़ की स्थिति में सुधार, फिर बारिश से चिंता बढ़ी

वडोदरा, 02 अगस्त (वार्ता) गुजरात के वडोदरा शहर तथा आसपास मे हुई भारी वर्षा के कारण आयी बाढ़ की स्थिति में आज सुधार हुआ पर दोपहर बाद एक बार फिर तेज बारिश होने से चिंता बढ़ गयी है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने गृहनगर राजकोट का दौरा बीच में छोड़ कर आज शाम यहां पहुंच गये। उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल भी वडोदरा पहुंच गये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के क्रम में पत्रकारों से बातचीत में श्री रूपाणी ने कहा कि आज दोपहर हुई वर्षा से चिंता बढ़ी है पर अगर और वर्षा नहीं हुई तो कल से स्थिति लगभग सामान्य हो जायेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी स्थिति पर नजर रखी है और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। शहर के बीचो बीच बहने वाली विश्वामित्री नदी और आजवा डैम में जलस्तर घटने से राहत मिली है। लगभग पूरे शहर में बिजली लगभग सुचारू हो गयी है। अब पेयजल आपूर्ति तथा साफ सफाई पर जोर दिया जा रहा है।
इससे पहले मुख्य सचिव जे एन सिंह ने कहा था कि लगभग नौ हजार लोगोें के बचाव और स्थानांतरण के साथ ही बचाव कार्य लगभग पूरा हो गया है। शहर में अब भी एनडीआरएफ की 11 और एसडीआरएफ की 6 टीमे मौजूद हैं। अंतिम चरण की गर्भवती 840 महिलाओं को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों से शहर के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया गया।
उधर शहर कई इलाकों से आज पानी उतर गया है हालांकि अब भी कई निचले इलाके जलमग्न हैं।
एनडीआरएफ की टीम ने आज सुबह भी शहर के एक निजी अस्पताल तथा अन्य जलमग्न इलाकों से लोगों को निकाल कर बचाव कार्य किया।
कल से आज सुबह तक वर्षा नहीं होने से भी राहत कार्य में बाधा नहीं पहुंची थी पर आज दोपहर बाद दो बजे से शाम छह बजे तक 34 मिलीमीटर वर्षा होने से चिंता बढ़ गयी है। मौसम विभाग ने वडोदरा में आज देर रात और कल भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि लगभग सभी इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गयी है और पीने के पानी की भी व्यवस्था की जायेगी। वर्षा के दौरान दीवार गिरने से मरे चार लोगों समेत पांच मृतकों के परिजनों को एक एक लाख रूपये की सहायता दी जायेगी। सरकार नियमानुरूप स्थानांतरित प्रत्येक व्यस्क को प्रतिदिन 60 रूपये और बच्चों को 45 रूपये के दर से कैश डोल भी वितरित करेगी इसके अलावा घरेलू सामान की खरीद के लिए पैसे दिये जायेंगे। साथ ही अन्य प्रकार के नुकसान के लिए भी जरूरत पड़ने पर नियमानुरूप सहायता दी जायेगी।
इससे पहले राजकोट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि शहर के बीचोबीच बहने वाली विश्वामित्री नदी तथा आजवा डैम का जलस्तर घटने से शहर के कई हिस्सो से पानी उतरा है।

वडोदरा शहर में 31 जुलाई को एक ही दिन में 499 मिलीमीटर वर्षा हुई जो उसके सालाना औसत वर्षा का 50 प्रतिशत से भी अधिक है।
शहर के कई हिस्से में अब भी कई फुट पानी भरा हुआ है। प्रशासन ने राहत काम के लिए सेना की दो टुकड़ियां, एनडीआरएफ की पांच और एसडीआरएफ की चार टीमों के अलावा राज्य रिजर्व पुलिस की दो कंपनियों तथा वडोदरा और सूरत के अग्निशमन विभागों के कर्मियों और स्थानीय पुलिस को लगाया था। वायु सेना भी इस काम में सहयोग कर रही है। शहर के फतेहगंज, कारेली बाग, मांडवी, पाणी गेट, दांडिया बाजार, रावपुरा टावर, हरिनगर (गोत्री) और समा तरसाली, चाणक्यपुरी , कल्याणपुरी, मकरपुरा आदि इलाकों में घरों में भी पानी घुस गया था। प्रशासन ने स्कूल और कॉलेजों में आज अवकाश घोषित कर दिया था। राहत और बचाव कार्य जारी है। विश्वामित्री नदी भी उफान पर थी। इसमे बड़ी संख्या में रहने वाले मगरमच्छ भी शहर में बह कर पहुंच गये हैं। कुछ इलाकों में पानी में मगरमच्छ देखे भी गये हैं और ऐसे कम से कम चार मगरमच्छों को पकड़ा भी जा चुका है। आपूर्ति की कमी के कारण दूध और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए आज भी लंबी कतारे भी देखी गयीं। कल तो कुछ लोगों ने 300 रूपये प्रति लीटर की दर से भी दूध खरीदने का दावा किया था। लोगों को कमर और कंधे तक पानी में चल कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाते भी देखा गया। राहत एजेंसियों की ओर से स्थानांतरित लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई स्थानों पर लोग निचली मंजिल के अपने जलमग्न आवासों को छोड़ ऊपरी मंजिलों पर रह रहे हैं। जिले के मंजूसर औद्योगिक क्षेत्र में भी जलजमाव से उत्पादन पर असर पड़ा है।
तीन दिनों में वडोदरा तथा आसपास से गुजरने वाली 60 से अधिक ट्रेने दो दिनों में रद्द अथवा डायवर्ट हो चुकी हैं पर अब रेल यातायात सामान्य करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हवाई अड्डा भी बाढ़ की वजह से बंद हो गया था पर अब इसे शुरू कर दिया गया है। शहर की सिटी बस सेवा भी चरमरा गयी थी जो अब धीरे धीरे सुचारू हो रही है। सयाजीगंज चिड़ियाघर तथा सरकारी एसएसजी अस्पताल परिसर में भी जलजमाव हो गया था।
इस बीच राज्य में आज शाम छह बजे तक कुल 131 तालुका में वर्षा हुई थी जिसमें सर्वाधिक 159 मिमी सूरत के मांगरोल में थी। आज सुबह छह बजे समाप्त हुए 24 घंटे के दौरान कुल 33 में से 32 जिलों के 203 तालुका में वर्षा हुई थी और सर्वाधिक 158 मिमी वडोदरा के समीपवर्ती पंचमहाल जिले के हालोल में दर्ज की गयी थी। राज्य में अब तक कुल मानसूनी वर्षा का 49 प्रतिशत दर्ज किया जा चुका है।
रजनीश
वार्ता
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