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नित्यानंद का कोई पता नहीं, ‘लापता’ बहनों ने जारी किया नया वीडियो, भारत वापसी के लिए रखीं शर्तें

अहमदाबाद, 22 नवंबर (वार्ता) विवादास्पद धर्मगुरू स्वामी नित्यानंद के यहां स्थित आश्रम और इसकी ओर से संचालित स्कूल में कथित तौर पर दो नाबालिग बच्चों को जबरन रखने और उनसे दुर्व्यवहार करने के मामले की जांच के बीच पुलिस ने आज कहा कि उनका पासपोर्ट सितंबर 2018 में ही ‘एक्सपायर’ हो चुका है और अब उनका कोई अता पता नहीं है।
उधर, नित्यानंद के पूर्व अनुयायी जिसने उक्त मामला दर्ज कराया है कि कथित तौर पर विदेश चली गयी दो बड़ी बेटियों ने आज एक साथ एक वीडियो संदेश जारी कर अपने पिता पर फिर से गंभीर आरोप लगाये और उनकी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के सिलसिले में यहां गुजरात हाई कोर्ट में 26 नवंबर को पेश होने के लिए पांच शर्ते भी रखीं। छोटी बेटी नित्यानंदिता ने तो यह आरोप भी लगाया कि उसके पिता ने नित्यानंद पर दुष्कर्म का गलत आरोप लगाने के लिए पूर्व में दबाव भी बनाया था। दोनो बहनों ने अदालत में आने के लिए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने, वापस लौटने देने, रहने के मामले में कोई आदेश नहीं दिये जाने, आश्रम की गिरफ्तार की गयी दो संचालिकाओं को मुक्त करने जैसी शर्तें रखीं।
मामले की जांच कर रहे डीएसपी के टी कामरिया ने बताया कि नित्यानंद का पासपोर्ट एक्सपायर होने के चलते उनका अब कोई अता पता नहीं है। दोनो बहने भी वीडियो किसी प्राॅक्सी नेटवर्क के जरिये जारी कर रही हैं जिससे उनका पता लगाने में सायबर पुलिस अब तक सफल नहीं हो सकी है। आव्रजन विभाग को भी दोनो के बारे में अब तक पता नहीं है। पुलिस पक्के तौर पर यह भी नहीं कह सकती कि नित्यानंदिता भारत में है अथवा विदेश में। आश्रम से जब्त किये गये लैपटॉप और मोबाइल आदि का विश्लेषण किया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि आश्रम की स्थानिक संचालिका प्राणप्रिया तथा उनकी सहयोगी प्रियातत्वा को अपहरण, बच्चों को जबरन रोक कर रखने आदि तथा उनसे श्रम कराने के आरोप में पकड़ा गया था जिसके बाद यहां की एक अदालत ने आगे की जांच के लिए उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया था।
नित्यानंद के तमिलनाडु निवासी पूर्व अनुयायी जनार्दन शर्मा ने गत एक नवंबर को पुलिस के समक्ष आरोप लगाया था कि यहां हाथीजन इलाके में दिल्ली पब्लिक स्कूल की जमीन पर बने इस आश्रम और स्कूल में उनके चार में से तीन बच्चों को जबरन रखा गया है। इसके बाद पुलिस ने 14 साल की उनकी एक बेटी और 12 साल के बेटे को वहां से मुक्त कराया और हाल में इस मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया था। आश्रम के लोगों पर उनसे दुर्व्यवहार करने और जबरन रोक कर रखने का आरोप लगाया गया है। इसी मामले में आश्रम से तीन दिन पहले दोनो साध्वियों की गिरफ्तारी की गयी थी।
शिकायतकर्ता की सबसे बड़ी बेटी लोपा मुद्रा बेंगलुरू आश्रम से दो साल पहले ही विदेश चली गयी थी और दूसरी बेटी 19 वर्षीय नित्यानंदिता यहां के आश्रम से अब लापता है। दोनो ने खुद के बालिग होने का हवाला देेेते हुए कई वीडियो जारी कर अपने ही पिता और माता पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाये थे और उनके पास नहीं आने की बात कही थी।
इन दोनो को अदालत के समक्ष पेश करने की मांग को लेकर श्री शर्मा की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस प्रमुख और आश्रम को नोटिस जारी किया तथा मामले की अगली सुनवाई की तिथि 26 नवंबर तय की। उधर डीपीएस स्कूल ने आश्रम को पांच साल के लिए लीज पर दी गयी जमीन के करार को रद्द करने की दो दिन पहले घोषणा की थी पर इस मामले में कल प्रधानाध्यापक हितेश पुरी को गिरफ्तार कर लिया गया था हालांकि उन्हे बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उन्होंने इससे पहले कहा था कि शैक्षणिक कार्य के लिए गत जून से यह जमीन दी गयी थी पर मौजूदा परिस्थितियों की जानकारी होने पर इसे रद्द कर दिया गया है। उधर कलेक्टर विक्रांत पांडेय ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है। इस बीच सीबीएसई के सचिव ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये हैं। सीबीएसई ने एक बयान में कहा है कि यहां हीरानगर स्थित स्कूल ने उससे बिना अनुमति के नित्यानंद के आश्रम स्कूल को लीज पर जमीन दे दी थी। सीबीएसई ने स्कूल को राज्य की ओर से दिये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रस्थिति यानी स्टेटस के बारे में भी जानकारी मांगी है।

रजनीश
वार्ता
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